नई दिल्ली: जेएनयू में आयोजित इस टॉक शो में मुख्य वक्ता के रूप में राज्यसभा सांसद और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने छात्रों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह कानून संविधान विरोधी है.
पी. चिदंबरम ने किया CAA का विरोध वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'जब पीएम मोदी अपनी डिग्री दिखा देंगे तब हम भी सर्टिफिकेट दिखाएंगे'.
'प्रधानमंत्री बड़े समझदार हैं शायद'
उन्होंने साबरमती हॉस्टल के पास छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का संविधान बनाने में वर्षों लग गए, लेकिन मौजूदा सरकार ने सिर्फ 3 दिन में सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट बिल पास कर दिया वह बड़े समझदार हैं शायद. उन्होंने कहा कि हैरानी नहीं होगी कि कभी देश में नरेंद्र मोदी या अमित शाह के नाम पर भी विश्वविद्यालय बन जाए.
उन्होंने कहा कि धर्म के आधार और केवल तीन पड़ोसी देश के लोगों को नागरिकता देना उचित नहीं. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से तो भारत की सीमा भी नहीं मिलती, जबकि पांच पड़ोसी देश और भी हैं जहां धर्म के आधार पर लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है.
जिसमें तमिल हिंदू, रोहिंग्या और शिया शामिल हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि नागरिकता धर्म के आधार पर ही क्यों भाषा और किसी अन्य कारण पर क्यों नहीं मिल सकती है.
CAA और NRC का विरोध जारी
पी चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस लगातार देश के अलग-अलग हिस्सों सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है. लेकिन शाहीन बाग जाकर समर्थन देना बीजेपी के ट्रैप में फंसना है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में वह देश के अन्य हिस्सों में खुद विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए हैं और इस कानून का कड़ा विरोध भी किया है.
वहीं पी. चिदंबरम ने कहा कि हम मानवता वाले देश हैं. हम अपनी सीमा को सुरक्षित तो कर सकते हैं लेकिन जो बच्चे अपने माता-पिता के साथ भारत आ गए उनका क्या कसूर है. उन्होंने कहा कि एनपीआर का विरोध राजनीतिक रूप से करेंगे.
उम्मीद है कि फैसला हमारे ही पक्ष में होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम एनपीआर का विरोध करते हैं लेकिन अगर सरकार चाहे तो 2021 की जनगणना करवा सकती है क्योंकि वह 1931 से चली आ रही है.