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लॉकडाउन के कारण DU के शोधार्थियों को चार महीने से नहीं मिली फेलोशिप - देशभर में लॉकडाउन

देशभर में लॉकडाउन के चलते आम लोगों के साथ-साथ छात्र भी परेशान हैं. DU की पीएचडी छात्रा कंचन ने बताया कि चार महीने से फेलोशिप के पैसे नहीं मिली है. इस वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

no fellowship for DU researchers for 4 months due to lockdown
दिल्ली यूनिवर्सिटी

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Published : May 9, 2020, 5:30 PM IST

नई दिल्लीः लॉकडाउन ने सबकी परेशानी बढ़ा दी है. स्टूडेंट्स भी इससे अछूते नहीं हैं. कॉलेज बंद हैं और पढ़ाई का नुकसान हो ही रहा है, लेकिन जो शोध के छात्र हैं. एम फिल, पीएचडी, नेट और नॉन नेट के शोधार्थियों को पिछले चार महीने से हर महीने मिलने वाला वजीफा या फेलोशिप नहीं मिल रहा है. इसकी वजह से अपने विषय से संबंधित शोध कार्य में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

लॉकडाउन के कारण DU के शोधार्थियों को चार महीने से नहीं मिली फेलोशिप

डीयू की हिंदी विषय से नेट जेआरएफ से पीएचडी में दाखिला लेने वाली कंचन में बताया कि उन्होंने 2018 में नेट जेआरएफ क्लियर की थी. अक्टूबर 2019 से 31000 रुपए मासिक फेलोशिप मिलना शुरू हुआ. दिसंबर तक की फेलोशिप मिल गयी, लेकिन जनवरी से लेकर अप्रैल तक चार महीने से फेलोशिप के पैसे नहीं मिलने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

फेलोशिप को लेकर यूजीसी की एक स्पष्ट गाइडलाइन

कंचन ने बताया कि फेलोशिप को लेकर यूजीसी की एक स्पष्ट गाइडलाइन है. गाइडलाइन के मुताबिक सभी शोधार्थियों को अप्रैल से लेकर सितंबर तक एक बार ही छह महीने की फेलोशिप सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाना है. लेकिन विश्विद्यालय समय पर शोधार्थियों से संबंधित विवरण यूजीसी को नहीं भेज पाता है, जिसके चलते फेलोशिप में दिक्कत आ रही है. दूसरे विश्वविद्यालय में समय पर सभी को फेलोशिप मिल जाती है.

वहीं फोरम ऑफ एकेडमिक फॉर सोशल जस्टिस (एफएएसजे) के चेयरमैन हंसराज सुमन बताते हैं कि दिल्ली विश्विद्यालय में पढ़ने वाले अधिकांश एमफिल, पीएचडी, नेट और नॉन नेट के छात्रों की छात्रवृति रोक दी गई है. छात्रों ने जबसे एमफील या पीएचडी में एडमिशन लिया है, तभी से उन्हें एक बार भी छात्रवृति नहीं मिली है.

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