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एक बार भी नहीं आई सांसद मीनाक्षी लेखी, हम उसे वोट देंगे जो हमारे बीच मौजूद रहे- जनता

चिराग दिल्ली में लोगों की कई बड़ी समस्याएं हैं, सड़क, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी 5 साल में नहीं मिल पाई है. ये बातें हम नहीं बल्कि खुद दिल्लीवासी ही बोल रहे हैं.

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Published : May 1, 2019, 5:21 PM IST

Updated : May 1, 2019, 10:13 PM IST

एक बार भी नहीं आई सांसद मीनाक्षी लेखी, हम उसे वोट देंगे जो हमारे बीच मौजूद रहे- जनता

नई दिल्ली: 12 मई को दिल्ली वाले अपने इलाके की तरक्की और बेहतर विकास के लिए मतदान करेंगे, इस बार दिल्ली वाले उस प्रतिनिधि पर बटन दबाने वाले हैं जिस पर उन्हें काम का भरोसा है. ना कि उस पर जिसने वादे तो कर दिए लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किया. ये बातें हम नहीं बल्कि खुद दिल्लीवासी ही बोल रहे हैं. चिराग दिल्ली में ईटीवी भारत की टीम जब पहुंची और जनता से बातचीत की, तो लोगों का कहना है कि उनकी समस्याएं आज भी जस की तस है. इलाके की महिला सांसद एक बार भी नहीं आई है.

चिराग दिल्ली में स्थानीय लोगों से बातचीत

चिराग दिल्ली में लोगों की कई बड़ी समस्याएं हैं, सड़क, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी 5 साल में नहीं मिल पाई है. चिराग दिल्ली में विकास की बात की जाए तो यहां नाम मात्र ही काम हुए हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक पहले भी सड़कें और पानी की किल्लत से लोग जूझ रहे थे और आज भी वही हालात है. लोगों का कहना है कि इस बार चुनावी मुद्दे में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा पानी और सड़क है. इसलिए हम उसी उम्मीदवार को वोट देंगे जो पानी, सड़क के लिए काम करे.

'नहीं आई सांसद मीनाक्षी लेखी'
चिराग दिल्ली एरिया नई दिल्ली लोकसभा सीट में लगता है. इस सीट पर मौजूदा सांसद मीनाक्षी लेखी हैं. लोगों के मुताबिक मीनाक्षी लेखी पांच साल में एक बार भी यहां नहीं आई. चुनाव के दौरान नेता वोट मांगने के लिए तो चक्कर लगाते हैं, लेकिन बाद में वो जनता को ही भूल जाते हैं. स्थानीय लोगों ने ये भी बताया कि वो अपनी सांसद के कामकाज से खुश नहीं है. इसलिए हम उस नेता को वोट देंगे जो चुनाव के बाद भी हमारे बीच मौजूद रहे.

'पार्को की हालत में हो सुधार'
चिराग दिल्ली में बच्चों और बुजुर्गों के लिए पार्क की व्यवस्था होना भी बेहद जरूरी है. लोगों का कहना है कि यहां पर पार्क तो बना दिया गया है. लेकिन इसकी देखभाल करने के लिए कोई नहीं आता. ऐसे में पार्क की जो हालत है वो काफी खराब हो चुकी है. बच्चे, बुजुर्ग पार्क में आते हैं लेकिन गंदगी देखकर वापस लौट जाते हैं.

'बेरोजगारी है बड़ा मुद्दा'
अन्य स्थानीय लोगों ने बताया कि देश में आज बेरोजगारी चरम सीमा पर है. नोटबंदी, जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारियों की भी कमर टूट गई है. ऐसे में देश को रोजगार की बेहद जरूरत है. उन्होंने बताया कि पांच साल में मोदी सरकार ने जनता के साथ खिलवाड़ किया है. इसलिए इस बार उस पार्टी को चुनना चाहते हैं जिसका मुद्दा बेरोजगारी हो और जो युवाओं को रोजगार देने पर फोकस करे.

Last Updated : May 1, 2019, 10:13 PM IST

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