नई दिल्ली:मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार एक महत्वाकांक्षी आबकारी नीति लाने जा रही है. यह पाॅलिसी पूरे भारत में एक मॉडल के तौर पर जानी जाएगी. इस पाॅलिसी को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा. दिल्ली कैबिनेट ने इस नई आबकारी नीति के लिए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह के गठन को मंजूरी दी है. दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति से करदाताओं और व्यापार क्षेत्र में भी पारदर्शिता आएगी और लोगों को कारोबार करने में आसानी होगी. साथ ही, दिल्ली सरकार के सरकारी राजस्व में भी लगातार वृद्धि होगी.
नई आबकारी नीति को पारदर्शी बनाने का निर्देश
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की नई आबकारी नीति को पारदर्शी और प्रगतिशील बनाने का निर्देश दिया है. दिल्ली मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को हुई बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह का गठन किया. स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन और कानून मंत्री कैलाश गहलोत इस मंत्री समूह के अन्य सदस्य बनाए गए हैं.
दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के लिए मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में कमेटी गठित - Committee constituted in Delhi under the chairmanship of Manish Sisodia
दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति पूरे भारत के लिए मॉडल होगी. इस पाॅलिसी को जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा. दिल्ली कैबिनेट ने नई आबकारी नीति के लिए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह के गठन को मंजूरी दी है.
![दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के लिए मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में कमेटी गठित दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-10517483-thumbnail-3x2-sis.jpg)
यह मंत्री समूह, उत्पाद शुल्क प्रशासन की वर्तमान प्रणाली के सभी पहलुओं, विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट और हितधारकों, आम जनता से प्राप्त सुझावों, फीडबैक और टिप्पणियों की जांच करेगा और मंत्रिपरिषद को पारदर्शी तरीके से प्रगतिशील नई उत्पाद नीति का सुझाव देगा. जिससे आने वाले सप्ताहों में अंतिम नीतिगत निर्णय लेने की उम्मीद है.
जनता से मिले 14 हजार से ज्यादा सुझाव
दिल्ली सरकार ने पारदर्शिता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के बाद हितधारकों और आम जनता से सुझाव आमंत्रित किए थे. सरकार को हितधारकों और आम जनता से बड़ी संख्या में 14 हजार से अधिक सुझाव और टिप्पणियां मिली हैं.
दिल्ली सरकार की एक विशेषज्ञ समिति के सुझाव-
- राज्य उत्पाद शुल्क राजस्व में वृद्धि
- शराब मूल्य निर्धारण तंत्र को सरल बनाना
- शराब के कारोबार में गड़बड़ी और ड्यूटी की चोरी की जांच करना
- शराब की आपूर्ति के लिए समान पहुंच सुनिश्चित करना
- राष्ट्रीय राजधानी के बदलते कद के अनुरूप शराब व्यापार की प्रकृति को बदलना