नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट में मेडिकल पीजी कोर्स में दाखिले में आरक्षण को लेकर ओबीसी और ईडब्ल्यूएस कोटा आरक्षण की चल रही सुनवाई में देरी होने से नाराज देशभर के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने ओपीडी सेवा बाधित कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इमरजेंसी सेवा चालू रखी गई है. फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रोहन कृष्णन ने देश भर के अस्पतालों में धरना प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स से शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करने के साथ-साथ इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की सेवा जारी रखने की अपील की है ताकि गंभीर रूप से बीमार मरीजों का समय पर उचित इलाज मिल सके.
डॉ. रोहन ने बताया कि कॉउंसलिंग में देरी होने की वजह से नीट पीजी काउंसलिंग प्रोसेस में विलंब हो रहा है. जिसके परिणाम स्वरूप अस्पतालों में पीजी कोर्स में समय पर दाखिला नहीं हो पा रहा है. इसके कारण अस्पतालों में जूनियर रेजिडेंट के नहीं आने की वजह से थर्ड ईयर एवं फोर्थ ईयर के रेजिडेंट डॉक्टर्स पर अस्पताल का भार बढ़ गया है. फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर रेजिडेंट डॉक्टर्स ने सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई जल्दी खत्म कर फैसला देने की अपील की है ताकि पीजी काउंसलिंग की प्रक्रिया जल्दी पूरी की जा सके और छात्रों का दाखिला संभव हो पाये.
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डॉ. रोहन ने बताया कि नए बैच का दाखिला मेडिकल कॉलेज में नहीं होने की वजह से अस्पतालों में जूनियर डॉक्टर की कमी हो गई है. नीट पीजी परीक्षा की तारीख में भी बदलाव हो गए. जो परीक्षा अप्रैल 2021 में होनी थी वह सितंबर 2021 में हुई. परीक्षा में हुई देरी की वजह से नीट पीजी के छात्रों का ना सिर्फ एक साल बर्बाद हुआ, बल्कि जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स पर भी काम का काफी दबाव बढ़ गया है. देश के ज्यादातर मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टर्स की काफी कमी हो गई है.