नई दिल्ली: NDMC के RMR कर्मचारी अपने हक अधिकार लेने के लिये अपने ही पालिका केन्द्र कार्यालय के प्रांगण में अपने नेताओं अशोक और सुधाकर कुमार के साथ मिलकर पक्का होने के लिये गत एक फरवरी से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन इनकी आवाज सुनने की बजाय उसे बंद करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है. नई दिल्ली नगरपालिका कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधाकर कुमार ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि पालिका परिषद आरएमआर कर्मचारियों को भड़काने का खूब प्रयास किया, लेकिन वह अपनी चाल में सफल नहीं हो पाई. RMR कर्मचारी लगातार शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करते रहे. उन्होंने पालिका परिषद की कार्रवाई के ऊपर सवाल उठाते हुए कहा कि कर्मचारी कोई आतंकवादी नहीं है, जिन्हें नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स बुलाना पड़े.
एनडीएमसी के विभिन्न विभागों में काम कर रहे लगभग 4500 RMR कर्मचारी पक्का करने के लिए विगत एक महीने से लंच आवर में पालिका केंद्र प्रांगण में ही धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन इस तरफ एनडीएमसी प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है. इनकी आवाज सुनने के बजाय उन्हें दबाया जा रहा है. हद तो तब हो गई जब शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों के ऊपर कार्रवाई के लिए पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने से पुलिस बल और पैरामिलिट्री फोर्स को बुला लिया गया. ऐसा लग रहा था कि हम लोग एनडीएमसी के कर्मचारी नहीं, बल्कि कोई असामाजिक तत्व हों.
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सुधाकर कुमार ने बताया कि कई आरएमआर कर्मचारी पक्की नौकरी का इंतजार करते हुए रिटायर हो गए हैं. सैंकड़ों ऐसे कर्मचारी हैं जो 50 से 55 वर्ष की उम्र तक पहुंच गए हैं. अगर उन्हें पक्का किया भी जाता है तो इसका कोई विशेष फायदा उन्हें नहीं होने वाला है. बहुत कम ही युवा कर्मचारी हैं. उन्हें ही प्रमोशन के साथ पक्की नौकरी होने का लाभ प्राप्त हो सकता है. इसके बावजूद पालिका परिषद काउंसिल मीटिंग में निर्णय लेने के बाद भी इसे लागू नहीं कर पा रही है.