नई बिल्डिंग में शिफ्ट हुआ लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल नई दिल्ली: दिल्ली का एक बड़ा अस्पताल लेडी हार्डिंग अपनी नई बिल्डिंग में शिफ्ट हो रहा है. 80 प्रतिशत तक शिफ्टिंग का काम पूरा हो गया है. हालांकि, गायनी वार्ड, मेन ओटी, इमरजेंसी ओटी, लेबर रूम, सर्जिकल आईसीयू और मेडिकल आईसीयू अभी भी पुरानी बिल्डिंग में ही चल रही है. पुरानी बिल्डंग जर्जर हालत में है. यहां दो बार छत गिरने की घटनाएं भी हो चुकी है.
बता दें कि मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की नई इमारत लगभग एक साल पहले ही बनकर तैयार हो गई थी, लेकिन उसमें विभागों को शिफ्ट नहीं किया गया था. इस बिल्डिंग में दो ब्लॉक है. एक रोगी विभाग (आईपीडी) के लिए और दूसरे में आपातकालीन, चिकित्सा और दुर्घटना वार्ड है.
इमरजेंसी विभाग में फिलहाल 30 बेड:चिकित्सा निदेशक डॉ. सुभाष गिरि ने कहा कि आईपीडी ब्लॉक में 600 बिस्तर है, जिनमें मेडिसिन और सर्जरी विभाग में 240-240 और हड्डी रोग विभाग में 120 बिस्तर जोड़े गए हैं. इसके अलावा दुर्घटना और आपातकालीन ब्लॉक में इमरजेंसी मामलों के लिए 30 बिस्तर, अवलोकन के लिए 20 बिस्तर, ट्राइएज के लिए 8 बिस्तर और 6 आईसीयू बिस्तर है. मेडिसिन, सर्जरी और ऑर्थोपेडिक्स विभागों को आवंटित 30 बिस्तरों के साथ दो इमरजेंसी ऑपरेशन थिएटर भी जोड़े गए हैं.
नई बिल्डिंग में शिफ्ट हुआ लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल, अभी इमरजेंसी विभाग में 30 बेड उपलब्ध नए ब्लॉक के साथ, सभी रोगी सेवाएं, परामर्श, डायग्नॉस्टिक और फार्मेसी सभी एक ही छत के नीचे होंग. ब्लॉक में बड़े वेटिंग रूम के साथ पूरी तरह से वातनुकूलित विशाल गलियारे भी है.
आईपीडी का सेंट्रल लैब हर सुविधाओं से लैस:आईपीडी का सेंट्रल लैब हर प्रकार की सुविधाओं से लैस है. जैव रासायनिक, हार्मोनल, आनुवंशिक विकार, हेमेटोलॉजी, जैव-आणविक और रोग विज्ञान परीक्षण, आपातकालीन अल्ट्रासाउंड, एक डिजिटल 1000 एमए मशीन और एक नई एमआरआई मशीन की सुविधाएं है. एमएस ने बताया कि इन सुविधाओं के अलावा अस्पताल में ब्रैकीथेरेपी की भी व्यवस्था है, जो एक प्रकार की रेडियोथेरेपी है. जिसका उपयोग कुछ प्रकार के कैंसर और अन्य स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है.
हर रोज औसतन 4000 मरीज:डॉ. गिरी ने बताया कि लेडी हॉर्डिंग मेडिकल कॉलेज से जुड़े दो अस्पताल, सुचेता कृपलानी और कलावती सरन, ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 3,000-4,000 मरीज देखे जाते हैं. एलएचएमसी में ज्यादातर मध्य दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और यूपी से मरीज आते हैं. पहले कैंसर मरीजों के लिए ओपीडी आधारित इलाज ही उपलब्ध था, लेकिन कुछ समय में लिनैक मशीन उपलब्ध करायी जाएगी. अस्पताल ने 930 बिस्तरों से जुड़ी गैस पाइपलाइन के साथ एक नई मेडिकल गैस पाइपलाइन प्रणाली भी खरीदी है.
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