नई दिल्लीः केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की 123 संपत्तियों को कब्जे में लेने का निर्णय लिया है. इन संपत्तियों में मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान शामिल हैं. बोर्ड के अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने केंद्र के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. ताजा मामला यह है कि वीएचपी ने कोर्ट में एक केस किया था कि सरकार ने जिन 123 प्रॉपर्टी को वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी घोषित किया है, उसके लिए फिर से दूसरी सरकार ने जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बनाई. इसके बाद वक्फ प्रॉपर्टी को लेकर नोटिस जारी हुआ, लेकिन इस मामले में वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान ने ठीक से जवाब नहीं दिया.
अब इस पूरे मामले को लेकर कर्बला जोर बाग ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई, जिसकी अध्यक्षता सैयद बहादुर अब्बास नकवी ने की. इसमें जनरल सेक्रेटरी अंजुमन ए हैदरी, मौलाना कल्बे जवाद, एडवोकेट महमूद प्राचा के साथ-साथ कई अन्य सदस्य शामिल हुए और वक्फ बोर्ड को लेकर बड़े खुलासे किए. इसमें आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कई आरोप लगाए गए हैं. इसमें कहा गया है कि अभी जहां हम कर्बला जोर बाग में बैठे हैं, यह भी उन 123 प्रॉपर्टी में शामिल है. जबकि हकीकत यह है कि यहां सैकड़ों साल से कर्बला है. इसकी चारदीवारी 350 साल पुरानी है.
उन्होंने कहा कि दो सदस्यीय कमेटी में हमने हर बार वक्फ बोर्ड की जायदाद को लेकर सबूत भी दिए, लेकिन इसके खिलाफ भी L&D कोई सबूत नहीं पेश कर पाया. एक बड़ी साजिश केजरीवाल और अमानतुल्लाह खान की तरफ से इस पूरे मामले में की गई. इस मामले में कोई भी बोर्ड रेजोल्यूशन पास नहीं कर पाया. सिर्फ केजरीवाल के घर पर बैठकर उन लोगों ने फैसला कर लिया और इसके बाद डिप्टी L&D की तरफ से कहा गया कि नोटिस का वक्फ बोर्ड ने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद वक्फ की संपत्तियों पर खतरा मंडरा रहा है. अब यहां अगर कोई सरकार के लोग कब्जा करने आएंगे तो मुस्लिम समुदाय के लोग इसके बचाव में यहां खड़े होंगे. इस मामले में केजरीवाल और अमानतुल्लाह खान के खिलाफ हम एफआईआर भी कराएंगे.