नई दिल्ली:जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने जेएनयू प्रशासन पर कोविड-19 महामारी के दौरान सहयोग न करने का आरोप लगाया है. शिक्षकों का कहना है कि कोरोना के बढ़ते मामलों और अस्पतालों के हालात देखते हुए शिक्षकों ने जेएनयू परिसर में ही कोविड केयर सेंटर बनाने की कुलपति से मांग की थी. जिस पर उन्होंने चुप्पी साध ली थी.
वहीं जेएनयू कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार में शिक्षकों द्वारा लगाए गए आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया. उन्होंने कहा कि जेएनयू के कुछ शिक्षक भ्रामक स्थिति पैदा कर रहे हैं और झूठी बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जेएनयू प्रशासन अपने हर छात्र के हितों का ध्यान रखता है और इसके लिए और इस महामारी के दौरान उन्हें कोई समस्या न हो इसको लेकर कई कदम भी उठाए गए हैं.
'कोविड सेंटर बनाने की मांग को प्रशासन ने किया अनदेखा'
बता दें कि जेएनयू शिक्षक संघ का आरोप है कि उन्होंने 23 अप्रैल को असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने यह सुझाव दिया था कि जेएनयू कैंपस में स्थित गेस्ट हाउस जैसे कि अरावली (जो कि अप्रैल 2020 के बाद से सेवा में नहीं है), एचआरडीसी और जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी को आइसोलेशन सेंटर में तब्दील कर दिया जाए. इसके अलावा JNU परिसर में ही कोविड केयर सेंटर बनाने को लेकर भी अपील की गई थी लेकिन जेएनयू प्रशासन की ओर से कोई न कोई बहाना कर इन मांगों पर कार्रवाई नहीं की गई.
JNU प्रशासन का निराशाजनक रहा रवैया
शिक्षक संघ ने कहा कि आरडब्ल्यूए तक अपने लोगों को इस महामारी में कई सुविधाएं मुहैया करा रहा है, लेकिन जेएनयू जिसके पास सभी सुविधाएं मौजूद हैं फिर भी वह छात्रों की मदद के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा. जेएनयू में कई छात्र और शिक्षक कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं. ऐसे में जेएनयू कैंपस में ऑक्सीजन की उपलब्धता और जब तक छात्रों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल जाता तब तक के लिए परिसर में उनके लिए सुविधा मुहैया कराने की भी दिल्ली शिक्षक संघ ने गुहार लगाई थी, लेकिन उस पर विश्वविद्यालय प्रशासन का रवैया निराशाजनक रहा.