दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

पानी और PPE किट मांगने पर जामिया हमदर्द ने 84 को नौकरी से निकाला - Majidia Hospital

दक्षिण दिल्ली स्थित जामिया हमदर्द (मजिदिया) अस्पताल के 84 स्टाफ को सिर्फ इसलिए बिना सूचना के एक दिन में ही नौकरी से निकाल दिया गया, क्योंकि उन्होंने अपने लिए पानी और पीपीई किट जैसी बेसिक सुविधाओं की मांग की थी.

Jamia Hamdard
जामिया हमदर्द

By

Published : Jul 13, 2020, 5:22 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना वारियर्स को एक तरफ ताली, थाली और आसमान से फूलों की बारिश कर उन्हें सम्मान दिया जा रहा है और दूसरी तरफ अपनी जान को जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाने के काम में जुटे रहे वाले कोरोना वारियर्स को बिना सैलरी के ही एक झटके में ही नौकरी से निकाल दिया जा रहा है.

पानी और पीपीई किट मांगी तो 84 स्टाफ एक झटके से हटा दिए गए

अचानक फैसला किया और बस व्हाट्सएप पर मैसेज करके बता दिया कि अब आपको आने की आवश्यकता नहीं है. क्योंकि आपकी सेवा समाप्त कर दी गई है. दक्षिण दिल्ली के मजीदिया अस्पताल में 84 हेल्थ वर्कर्स को सिर्फ इसीलिए नौकरी से निकाल दिया गया क्योंकि उन्होंने पानी और पीपीई किट जैसी बेसिक सुविधाओं की मांग की थी. उन्हें लॉकडाउन के दौरान भी सैलरी नहीं दी गई.

व्हाट्सएप मैसेज कर दी सूचना

दुखद यह है कि नौकरी से निकाले जाने की सूचना भी व्हाट्सएप संदेश के जरिए दी गई. मजीदिया अस्पताल की एक नर्स अंजू ने बताया की हम लोगों को कोविड ड्यूटी में लगाया गया था. महामारी की स्थिति में भी हमने अपनी जान को जोखिम में डालकर ड्यूटी की.

लॉकडाउन के दौरान सैलरी नहीं दी गई. पानी और पीपीई किट जैसी कुछ बेसिक चीजों की मांग की तो पूरे 84 स्टाफ को एक झटके में निकाल दिया गया. पहले तो उन्होंने कहा कि आपको शनिवार तक सुविधाएं मिल जाएगी उसके बाद 11 जुलाई को अचानक से 84 स्टाफ को निकालने की सूचना दे दी गई.

जब त्याग पत्र दे रहे थे तो रोक लिया गया था

अंजू ने बताया कि इससे पहले जब हम लोगों ने त्यागपत्र देने की कोशिश की तो हमें त्यागपत्र देने से मना कर दिया गया. इस दौरान कहा गया कि अभी हम त्यागपत्र स्वीकार नहीं कर सकते हैं क्योंकि सरकार का आदेश है. जब सरकार का आदेश त्यागपत्र स्वीकार नहीं करने का है तो नौकरी से निकालने का आदेश कैसे दिया जा सकता है?

अस्पताल प्रशासन ने आधिकारिक तौर पर एक लेटर जारी कर 84 हेल्थ वर्कर्स की सूची निकाल कर उन्हें नौकरी से निकालने की सूचना दे दी. इन लोगों को सैलरी भी नहीं दी गई. बहुत सारे हेल्थ वर्कर्स की सैलरी लॉकडाउन के दौरान होल्ड कर ली गई. इसके लिए जब हम लोगों ने आवाज उठाई तो इसका परिणाम यह हुआ कि 84 स्टाफ को नौकरी से निकाल दिया गया.


नए स्टाफ रखने के लिए इंटरव्यू

स्टाफ का कहना है कि 13 और 14 जुलाई को अस्पताल प्रशासन ने नए स्टाफ को भर्ती करने के लिए इंटरव्यू कंडक्ट कराने को कहा है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि कुछ लोगों ने जो मुद्दे उठाए थे इसी वजह से सभी को निकाल दिया गया. यह कहां तक उचित है?

जब हम अपनी बेसिक जरूरतों के बारे में अस्पताल प्रशासन से कहते हैं तो उन उनकी जरूरतों को पूरा करने के बजाय वह हमें नौकरी से निकाल दिया जाता हैं, हमें न्याय चाहिए. मुझे यहां काम करते हुए 5 साल हो गए. यहां पर कई ऐसे 10 साल से ज्यादा अस्पताल को सर्विस दी है. यह कहां का न्याय है कि अपना हक मांगने पर बिना नोटिस के एक दिन में ही नौकरी से निकाल दिया जाए?

ABOUT THE AUTHOR

...view details