नई दिल्ली:05 सितंबर को दुनियाभर में स्पाइनल कॉर्ड इंजरी डे मनाया गया. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना है. इसी क्रम में दिल्ली के वसंत कुंज में स्थित इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर ने स्पाइनल कॉर्ड इंजरी डे के मौके पर एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया. जिसमें इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर हॉस्पिटल के स्पेशल डॉक्टर्स की टीम मौजूद रही.
इंजरी होने पर डॉक्टर की सलाह जरूरी:आईएसआईसी में स्पाइन सर्विसेज के चीफ, डॉ. विकास टंडन ने कहा कि, रीढ़ की हड्डी की चोटों से पूरा जीवन प्रभावित होता है, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के समस्याएं उत्पन्न करता बल्कि इससे रोगी भावनात्मक और सामाजिक रूप से भी प्रभावित होता है. उन्होंने कहा कि हमारे आंकड़े भारत में सड़क यातायात दुर्घटनाओं की लगातार चुनौती को उजागर कर रहे हैं. हम लोगों से सरकार द्वार की जा रही पहल को लेकर सचेत करते हैं. डॉ. टंडन ने कहा कि हमारा उद्देश्य रीढ़ की हड्डी की चोटों से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए अंतिम समय तक समाधान निकालने के लिए अपना योगदान दे कर समाज को आगे बढ़ाना है.
सरकारी योजनाओं द्वारा राहत नहीं:इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर की चीफ ऑफ रीहैबिलेशन डॉ चित्रा कटारिया ने बताया कि इसमें अधिक लागत लगने से आमतौर पर सीजीएचएस, डीजीईएचएस, ईसीएचएस और कई बीमा कंपनियों जैसी सरकारी योजनाओं द्वारा राहत नहीं दिया जाता है. जिससे एससीआई रोगियों के लिए चुनौतियां पैदा होती हैं. हालाँकि, 26 अगस्त, 2023 को जारी दिल्ली उच्च न्यायालय के एक हालिया निर्देश में 29 बीमा कंपनियों को विकलांग व्यक्तियों को राहत के लिए इसमें शामिल करने का निर्देश दिया गया. जो एससीआई रोगियों के लिए चिकित्सा सहायता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
लापरवाही के कारण बढ़ रहे मामले:इंडियन स्पाइनल इंजरीज़ सेंटर (आईएसआईसी) ने 2012 से 2022 में एक अध्ययन कराया जिसमें स्पाइनल कॉर्ड इंजरी (एससीआई) से संबंधित कई चौकने वाले खुलासे सामने आये. इसमें यह पता चला कि लोगों में यातायात के दौरान कई लापरवाही जैसे- सीट बेल्ट, हेलमेट पहनना, यातायात नियमों का पालन ना करने से सड़क दुर्घटना के कारण रीढ़ की हड्डी की चोटों से वे ग्रसित होते हैं. सड़क दुर्घटना में 661 व्यक्तियों (44%) और सामान्य गिरने से 588 व्यक्तियों (38.3%) के कारण आईएसआईसी में ऐसे रोगियों की कुल संख्या 1,537 थी. इस अध्ययन से अस्पताल में 1138 दाखिलों के आधार पर, 2002-2010 की अवधि के दौरान सड़क यातायात दुर्घटनाएं (45%) और ऊंचाई से गिरने से (39.63%) लोग शामिल थे.
सड़क दुर्घटना रीढ़ की चोटों का मुख्य कारण:कई विकसित देशों से तुलना करने पर भी कई आश्चर्यजनक आकड़ें सामने आये जिसमें बर्मिंघम, यूके (2010-2018) के नेशनल स्पाइनल कॉर्ड इंजरी स्टैटिस्टिकल सेंटर (एनएससीआईएससी) के आंकड़ों से पता चलता है कि 38.52% मामलों में वाहन दुर्घटनाएं, 31.13% ऊंचाई से गिरना, 13.55% हिंसात्मक कृत्य, मनोरंजक गतिविधियाँ 8.57% और खेल शामिल हैं. प्रतिवर्ष 5 सितंबर को मनाए जाने वाले स्पाइनल कॉर्ड इंजरी (एससीआई) दिवस के अवसर पर आईएसआईसी ने "एससीआई सेवाओं तक पहुंच - कम जटिल जीवन" के मद्देनजर इंटरनेशनल स्पाइनल कॉर्ड सोसाइटी (आईएससीओएस) के साथ हाथ मिलाया है. इस वर्ष की थीम खतरनाक रीढ़ की हड्डी की चोटों के समाधान और एससीआई रोगियों के लिए एक समुचित समाधान के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देने लिए रेखांकित करती है.