नई दिल्ली :चार फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे है. दिल्ली देश का पहला राज्य है, जहां नवंबर 2016 में सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ एचपीवी वैक्सीनेशन (Human Papilloma Virus Vaccines) पब्लिक हेल्थ प्रोग्राम (Public Health Program) के रूप में लॉन्च किया, तब से लेकर कोरोना महामारी शुरू होने तक यानी मार्च 2020 तक दिल्ली के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाले 11 वर्ष से लेकर 13 वर्ष एज ग्रुप की 13 हजार बालिकाओं को एचपीवी वैक्सीन दिया गया है. कोरोना महामारी की वजह से स्कूल बंद होने के कारण एचपीवी वैक्सीनेशन ड्राइव बंद हो गया है, जिसकी वजह से सर्वाइकल कैंसर से सुरक्षा के लिए बालिकाओं को एचपीवी वैक्सीन नहीं लगाया जा रहा है. केंद्र सरकार अभी भी एचपीवी वैक्सीनेशन को यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (Universal Immunization Programme) के तहत नहीं किया है. भारतीय महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर से सर्वाधिक पीड़ित होती हैं.
वहीं इस मामले में धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल (Dharamshila Narayana Superspeciality Hospital) की सर्वाइकल वरिष्ठ सलाहकार, गाइनी डॉ. सतिंदर कौर बताती हैं कि सर्वाइकल कैंसर औरतों में होने वाला दूसरा प्रमुख रोग है. सर्वाइकल या गर्भाशय कैंसर होने का मुख्य कारण ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human papillomavirus) है. इस वायरस के कारण ओवरी में संक्रमण हो जाता है. सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि है. गर्भाशय ग्रीवा महिला प्रजनन प्रणाली का हिस्सा है और गर्भ के निचले हिस्से में स्थित है, जो गर्भ से योनि तक खुलती है. इस कैंसर को बच्चेदानी के कैंसर के नाम से भी जाना जाता है. सर्वाइकल कैंसर सभी कैंसर में चौथे स्थान पर है और यह 42 देशों में महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण है.
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डॉक्टर सतिंदर कौर बताती हैं कि यह संक्रमण धीरे-धीरे 10 से 15 साल के भीतर कैंसर में तब्दील हो जाता है. इन्हीं 10 से 15 साल के भीतर अगर सही से स्क्रीनिंग कराकर इलाज कराया जाए तो संक्रमण को कैंसर में बदलने से रोक सकते हैं. गर्भाशय का कैंसर हर आठ मिनट में एक भारतीय महिला की जान ले रहा है. इससे बचाव संभव है, अगर सही वक्त पर इलाज हो. शारीरिक संबंध बनाने वाली 80 फीसदी महिलाओं में ये इंफेक्शन होता है, लेकिन ज्यादातर केसों में संक्रमण खुद ब खुद ठीक हो जाता है. कुछ महिलाओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने, कई लोगों के साथ संबंध बनाने और कई अन्य वजहों से संक्रमण बना रह जाता है.
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