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विशेषज्ञों का दावा- अब बुजुर्ग ही नहीं, जवां दिल भी हो रहा बीमार - डॉ. केके अग्रवाल

डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हृदय रोग मौत का प्रमुख कारण है. दुनिया भर में 5 में से 1 पुरुष और 8 महिलाओं में से 1 महिला की मौत हृदय रोग के कारण ही होती है.

heart disease has significantly decreased during covid pandemic expert claims on world heart day
वर्ल्ड हार्ट डे

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Published : Oct 2, 2020, 10:06 PM IST

नई दिल्लीः कोरोना काल में सबसे ज्यादा जिस बीमारी से मौत होती है, उसे भूला ही दिया गया. वर्ल्ड हार्ट डे पर सबको उसकी याद आया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत में हृदय रोग की महामारी को रोकने का एकमात्र तरीका लोगों को शिक्षित करना है. वरना 2020 तक सबसे अधिक मौत हृदय रोग के कारण ही होगी.

अब बुजुर्ग नहीं, जवां दिल भी हो रहा बीमार

यह मुख्य रूप से धूम्रपान, अधिक वजन, उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी जीवनशैली से जुड़ी आदतों और स्थितियों के कारण होने वाली बीमारी है. जबकि कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि कोरोना ने हार्ट डिजीज की तीव्रता को कम कर दिया है.

कोरोना काल में कम हुआ है हार्ट डिजीज

हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल इस बाबत अपनी बात रखी. उन्होंने बताया कि लोगों का ऐसा मानना है कि कोरोना की वजह से घरों में बंद लोग हृदय रोग की वजह से मर रहे हैं, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मेरा ऐसा मानना नहीं है. क्योंकि अगर ऐसा होता तो ऐसे मरीजों की पोस्टमार्टम होता और घर के परिवार के सभी सदस्यों की कोरोना जांच होता, लेकिन हमारी नजर में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला है.

मेरे ख्याल से हार्ट डिजीज कोरोना काल में कम हुआ है. क्योंकि लोगों की जीवनशैली बदल गई है. खान-पान बदल गया है. आगे आने वाले दिनों में हमारे देश में डायबिटीज, हाइपरटेंशन हार्ट डिजीज और मेटाबॉलिक सिंड्रोम से होने वाली मौतों में कमी आएगी.

हर चार मौत में से एक मौत हार्ट डिजीज से

एम्स के कार्डियो रेडियो डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर अमरिंदर सिंह मल्ही बताते हैं कि देश में किसी बीमारी की वजह से मरने वाले चार व्यक्ति में से एक व्यक्ति की मौत हृदय रोग की वजह से होती है. 80 फीसदी से ज्यादा मौतें किसी न किसी रूप में हार्ट डिजीज से संबंध रखती हैं. बचाव के उपाय बताते हुए डॉ. अमरिंदर बताते हैं कि सावधानी ही बचाव है.

दिल की बीमारी अब बुढ़ापे का मर्ज नहीं रहा

विशेषज्ञों के मुताबिक दिल के दौरे का संबंध पहले बुढ़ापे से माना जाता था. अब अधिकतर लोग अपने 20वें, 30वें और 40वें दशक के दौरान ही दिल की बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं. आधुनिक जीवन के बढ़ते तनाव ने यहां तक कि युवा लोगों में दिल की बीमारियों के खतरे पैदा कर दिया है.

हालांकि अनुवांशिक और पारिवारिक इतिहास अब भी सबसे आम और अनियंत्रित जोखिम कारक बना हुआ है. युवा पीढ़ी में अधिकतर हृदय रोग का कारण अत्यधिक तनाव और लगातार लंबे समय तक काम करने के साथ- साथ अनियमित नींद पैटर्न है. धूम्रपान और आराम तलब जीवनशैली भी 20 से 30 साल के आयु वर्ग के लोगों में इसके जोखिम के लक्षणों को और बढ़ाती है.

हर साल 2 लाख से ज्यादा होती है ओपन हार्ट सर्जरी

डॉ. अमरिंदर के मुताबिक देश में कार्डियक अस्पतालों में 2 लाख से अधिक ओपन हार्ट सर्जरी की जाती है. इसमें सालाना 25 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है, लेकिन वे दिल के दौरे की संख्या को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं हैं. जो सर्जरी की जाती है वह केवल तात्कालिक लाभ के लिए होती है.

अगर दिखे ये लक्षण तो हो जाएं सावधान..

हृदय के सभी रोगियों में समान लक्षण नहीं होते हैं और एंजाइना छाती का दर्द इसके सबसे आम लक्षण नहीं है. इसके लक्षण शून्य से लेकर गंभीर तक अलग- अलग हो सकते हैं. कुछ लोगों को अपच की तरह असहज महसूस हो सकता है. कुछ मामलों में गंभीर दर्द, भारीपन या जकड़न हो सकता है. आमतौर पर दर्द छाती के बीच में महसूस होता है, जो बाहों, गर्दन, जबड़े और यहां तक कि पेट तक फैलता है. साथ ही धड़कन का बढ़ना और सांस लेने में समस्या होती है.

तुरंत इलाज नहीं मिलने पर हो सकता है घातक

अगर धमनियां पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाती हैं, तो दिल का दौरा पड़ सकता है. दिल के दौरे में होने वाले असुविधा या दर्द आमतौर पर एंजाइना के समान होता है. यह अक्सर अधिक गंभीर होता है और इसमें साथ ही पसीना आना, चक्कर आना, मतली और सांस लेने में समस्या जैसी समस्या भी हो सकती है. मधुमेह वाले लोगों में यह अधिक आम है. दिल के दौरे का तुरंत इलाज नहीं किए जाने पर यह घातक हो सकता है.

नियमित योगा और साधारण खान-पान से बचाव

हार्ट डिजीज से बचने के लिए डॉक्टर अमरिंदर 5 उपाय बताते हैं. हर रोज 30 मिनट योगा करें. शारीरिक व्यायाम करें या दौड़ लगाएं. आपके हार्ट डिजीज होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा. मक्खन, मलाई, घी चीनी, मैदा और नमक का जितना कम हो सके उतना कम सेवन करें.

जितनी भी सफेद चीजें है वो हार्ट के लिए बिल्कुल जहर समान होती हैं. ऐसी खाने की चीजें रक्त वाहिकाओं में जाकर वसा के रूप में जम जाती हैं. इससे ब्लॉकेज आ जाते हैं और धीरे-धीरे हार्ट काम करना बंद कर देता है.

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