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17 वर्षीय युवक की छाती से 1.9 किलो का ट्यूमर निकाला, मिला नया जीवन - युवक की छाती से करीब 2 किलोग्राम का ट्यूमर हटाया

गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में डॉक्टरों ने एक जटिल सर्जरी की और यूनिक ट्यूमर को हटा दिया. यहां डॉक्टरों की टीम ने 'एक विशेष प्रकार का चीरा डिजाइन किया और 17 साल के सक्षम चौहान का एक दुर्लभ प्रकार का ट्यूमर thymolipoma को जटिल ऑपरेशन के बाद निकाला. छाती से निकले इस ट्यूमर का वजन 1.9 किलोग्राम था.

foetis hospital done a complicated surgery
foetis hospital done a complicated surgery

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 15, 2023, 5:52 PM IST

foetis hospital done a complicated surgery

नई दिल्ली:गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में डॉक्टरों ने 17 वर्षीय लड़के की छाती से 1.9 किलोग्राम का ट्यूमर निकाला. गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी के निदेशक और प्रमुख डॉ. उजित धीर ने बताया कि एक उच्च-रिज़ॉल्यूशन कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन से मरीज की दुलर्भ तरह की ट्यूमर का पता चला. स्कैन रिपोर्ट से ये भी जानकारी मिली कि इस दुर्लभ प्रकार के ट्यूमर ने 17 साल के सक्षम चौहान की छाती की कैविटी के दो-तिहाई हिस्से पर कब्जा करना शुरू कर दिया है. इस ट्यूमर को थाइमोलिपोमा कहा जाता है.

डॉ. उजित धीर ने बताया कि इस ट्यूमर के कारण उनके फेफड़ों और हृदय पर भी दबाव बढ़ रहा था. इसके कारण फेफड़े और हृदय अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे थे. डॉक्टरों ने मामले की नजाकत को समझा और जल्द एक जोखिम भरा ऑपरेशन किया. मरीज की छाती से विशाल ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाल दिया.

उन्होंने कहा कि जब मरीज सक्षम चौहान अस्पताल आया था तो उसे गर्दन और सीने में दर्द की शिकायत थी और बुखार भी था. जिसका टायफाइड समझकर इलाज शुरू किया गया था. टाइफाइड बुखार से पीड़ित को बुखार, सिरदर्द और पेट दर्द होता है, लेकिन जब सक्षम चौहान का एक हाई-रिज़ॉल्यूशन सीटी स्कैन किया गया तब जाकर इस ट्यूमर का पता चला. गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने इस जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक कर ये साबित कर दिया कि भारतीय डॉक्टर हमेशा एक नई चुनौती को स्वीकार करते हैं और अपनी मेहनत और जानकारी से उसको एक सफल अंजाम तक पहुंचाते हैं.

थाइमोलिपोमा क्या हैःथाइमोलिपोमा थाइमिक मूल का एक यूनिक और सॉफ्ट द्रव्यमान है. इसमें थाइमिक और परिपक्व मैच्योर फैटी टीश्यू दोनों होते हैं, यह मीडियास्टिनम, या चेस्ट कैविटी की शुरुआत में बनता है. चौहान की वक्ष गुहा में थाइमोलिपोमा बन गया था, क्योंकि उसकी थाइमस ग्रंथि आकार में बढ़ गई थी और छाती और फेफड़ों के बड़े हिस्से को ढक लिया था. ऐसा माना जाता है कि ग्रोथ हार्मोन असंतुलन के कारण लिम्फोसाइट्स तेज गति से बढ़ने लगे थे, जिससे ट्यूमर का निर्माण हुआ.

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