नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में कोरोना का कहर लगातार जारी है. प्रतिदिन 7-8 हजार मामले सामने आ रहे हैं. इसी के साथ दिल्ली की जनता कोरोना के साथ प्रदूषण की दोहरी मार भी झेलती नजर आ रही है. इसी कड़ी में दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर इलाके के राधा स्वामी सत्संग ब्यास में बने एशिया के सबसे बड़े कोविड केयर सेंटर में इलाज कराने आए मरीजों को प्रदूषण से भी जूझना पड़ रहा है.
राजधानी दिल्ली में कोरोना के साथ खतरनाक प्रदूषण
अस्पताल के अंदर ही स्मॉग देखने को मिला
ईटीवी भारत की टीम सुबह 7 बजे यहां पहुंची तो देखा कोविड केयर सेंटर के अंदर और उसके बाहर धुएं की चादर छाई हुई है. आलम ये है कि इस अस्पताल के अंदर स्मॉगही स्मॉग देखने को मिला. इस कोविड केयर सेंटर को प्रदूषण ने अपनी चपेट में ले लिया है.
AQI का स्तर चिंताजनक
बता दें इस कोविड केयर सेंटर के आसपास इलाके में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) काफी चिंताजनक साबित हो रहा है. इसके पास आयानगर में AQI 256, छतरपुर 224 , फतेहपुर बेरी 211 और भाटी माइंस में 288 AQI देखने को मिला.
मरीज झेल रहे हैं दोहरी मार
एशिया के सबसे बड़े 10 हजार बेड के बना यह कोविड केयर सेंटर और अस्पताल दिल्ली की जनता के इलाज के लिए रामबाण साबित हो रहा है. लेकिन यहां मरीजों को कोविड के साथ प्रदूषण की भी दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. यहां खतरनाक स्मॉगइन मरीजों के लिए परेशानी खड़ा करता दिखाई दे रहा है.
प्रशासन बना उदासीन
दिल्ली की जनता को प्रदूषण के कहर से बचाने के लिए प्रशासन लाख दावे कर रहा है. लेकिन धरातल में इन सभी दावों की पोल राधा स्वामी सत्संग ब्यास में बने एशिया के सबसे बड़े कोविड केयर सेंटर व अस्पताल के यहां खुलती नजर आ रही है. जहां कोरोना का इलाज कराने आए मरीजों के साथ स्थानीय लोगों को भी प्रदूषण की मार से बचाने के लिए कोई ठोस योजना देखने को नहीं मिल रही है. यहां न तो अभी तक पेड़-पौधों पर पानी का छिड़काव कराया गया है और न ही कोई और योजना देखने को मिली है.
श्रेय लेने की मची थी होड़
बता दें जब ये कोविड केयर सेंटर बनकर तैयार हो रहा था तो यहां देश के गृहमंत्री अमित शाह, केन्दीय गृहराज्य मंत्री जी. कृष्ण रेड्डी, दिल्ली के राज्यपाल अनिल बेजल से लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तक इसकी तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे थे. कई बार एशिया का सबसे बड़ा कोविड का अस्पताल राजनीतिक भेंट भी चढ़ता दिखाई दिया जब इसके बनने के श्रेय की होड़ राज्य और केंद्र सरकार के बीच देखने को मिली. लेकिन दोनों की होड़ के बीच ये अस्पताल अब सुचारू रूप से तैयार होकर मरीजों के इलाज के लिए काफी कारगर साबित हो रहा है.