नई दिल्ली:दिल्ली सरकार ने पिछले साल 27 जुलाई 2020 को एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसके तहत कोरोना ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से मरने वाले डॉक्टर और हेल्थ केयर वर्कर्स को शहीद का दर्जा दिये जाने और उनकी आर्थिक मदद के लिए एक करोड़ रुपए की सहायता राशि देने का प्रावधान किया गया था. कोरोना की दूसरी लहर में शहीद होने वाले डॉक्टर को हेल्थ केयर वर्कर्स को अभी तक दिल्ली सरकार ने एक करोड़ रुपए की राशि जारी नहीं की है. इसलिए फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को एक लेटर लिखकर उन्हें कोरोना शहीदों को आर्थिक मदद दिए जाने की तरफ ध्यान आकर्षित किया है.
FORDA के प्रेसिडेंट ने लिखा सीएम को पत्र
FORDA के प्रेसिडेंट डॉक्टर पार्थ बोरा ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जितने भी डॉक्टर और हेल्थ केयर वर्कर्स शहीद हुए हैं, उन्हें दिल्ली सरकार से दी जाने वाली एक करोड़ की आर्थिक मदद नहीं मिल पाई है. इसीलिए उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस संबंध में एक लेटर लिखा है और उनसे आग्रह किया है कि वह कोरोना शहीदों को एक करोड़ रुपए की आर्थिक मदद जारी करें.
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आर्थिक सहायता से परिवार को मिलेगी बड़ी मदद
डॉ पार्थ ने बताया कि हालांकि एक डॉक्टर के जान की कीमत एक करोड़ नहीं आंकी जा सकती है, क्योंकि वह देश का एक अनमोल नागरिक होता है, जो लोगों की जान बचाने के काम आता है, लेकिन उनकी असामयिक मृत्यु होने पर उनके परिवार के लिए यह एक करोड़ रुपए की राशि एक बड़ी मदद हो सकती है. डॉ पार्थ ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में हम डॉक्टर और हेल्थ केयर वर्कर्स को खो रहे हैं.
उन्हें उचित इलाज भी नहीं मिल पा रहा है. जब कोरोना के मरीजों की देखभाल करते हुए और खुद कोरोना की चपेट में आ जाते हैं और उन्हें जब इलाज की जरूरत होती है तब उन्हें सरकार की तरफ से किसी तरह की कोई मदद नहीं मिलती है. तकलीफ तब और ज्यादा होती है जब जिस अस्पताल में मरीजों का इलाज करते हुए संक्रमित होते हैं उस अस्पताल में भी डॉक्टर्स के लिए एक बेड तक उपलब्ध नहीं हो पाता है.