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60 साल की उम्र में पूरी की 64वीं हाफ मैराथन, इनसे जानिए फिट रहने के मायने - डॉ राजेश आचार्य मैराथन

जिस उम्र में आकर लोग खाट पकड़ लेते हैं, उस उम्र में सर गंगाराम हॉस्पिटल के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन मैराथन दौड़ का शतक बनाने निकले हैं. वह अभी तक 64 मैराथन दौड़ पूरी कर चुके हैं.

Dr. Rajesh Acharya has completed 64 marathon races so far.
डॉ राजेश आचार्य अब तक 64 मैराथन दौड़ पूरी कर चुके हैं

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Published : Dec 1, 2020, 5:16 PM IST

नई दिल्ली:सर गंगा राम हॉस्पिटल के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. राजेश आचार्य ने 60 साल की उम्र पूरी होने के पहले ही 64वीं हाफ मैराथन की दौड़ पूरी कर ली है. यह रेस 21 किलोमीटर लंबी थी. डॉ. आचार्य एक उत्साही धावक और फिटनेस के प्रति काफी सजग व्यक्ति हैं.

डॉ राजेश आचार्य अब तक 64 मैराथन दौड़ पूरी कर चुके हैं

उन्होंने अपने 50 साल के बाद दौड़ना शुरू किया और पिछले 7 सालों में 60 से अधिक मैराथन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. डॉ. आचार्य विशेष रूप से इस कोविड महामारी के दौरान शारीरिक कुशलता प्राप्त करने और इस कोरोना रोग से बचने के लिए अपना सुझाव साझा कर रहे हैं. पिछले साल विश्व हृदय दिवस के अवसर पर डॉक्टर समुदाय को प्रेरित करने के लिए उन्होंने दिल्ली फिटनेस रन का आयोजन किया था, इसमें हजार धावक और डॉक्टरों ने हिस्सा लिया था.

कोविड से फाइट में शारीरिक फिटनेस जरूरी

अपनी इस उपलब्धि पर डॉ राजेश आचार्य बताते हैं कि कोविड संक्रमण के दौर में घरों में बैठे मोटापा, मधुमेह, हाइपरटेंशन एयर हृदय रोग जैसी जीवन शैली बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं. अपने आप फिट रखने और अपनी फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ाकर प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाया जा सकता है.

डॉ. राजेश आचार्य सभी लोगों को सुझाव दे रहे हैं कि उम्र चाहे जो भी हो अपनी शारीरिक फिटनेस को बरकरार रखें. रनिंग मैराथन फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है. हृदय में खून की पंपिंग को बढ़ाता है. हड्डियों को मजबूत एवं मांसपेशियों को सख्त बनाता है.

स्वस्थ्य जीवन के लिए एक्सरसाइज जरूरी

डॉ. राजेश आचार्य ने बताया कि निष्क्रिय जीवन लाइफ स्टाइल जीवन को आमंत्रित करता है. जिनका काम बैठे रहने का है उन्हें जरूर नियमित व्यायाम करना चाहिए. उन्होंने डॉक्टरों के फिटनेस के बारे में कहा कि डॉक्टर्स अपने मरीजों का इलाज करते हैं, लेकिन खुद के स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा जागरूक नहीं रह पाते हैं.

उन्होंने डॉक्टर समुदाय को भी नियमित व्यायाम और आहार परिवर्तन द्वारा जीवन शैली में बदलाव लाकर अपनी फिटनेस को बरकरार रखने की सलाह दी हैं. डॉक्टर के पास खाली समय बहुत कम मिलता है, क्योंकि वह ज्यादातर समय मरीजों के इलाज में व्यस्त होते हैं.

उनके खानपान का समय निश्चित नहीं होता है. इस वजह से उनके स्वास्थ्य खराब हो जाते हैं. डॉक्टर को भी समझना चाहिए कि कोविड के दौर में भी लंबी सक्रिय और सुखद जीवन की कुंजी है. अगर हम नियमित व्यायाम करेंगे तो हम अपनी वास्तविक उम्र से 30 साल छोटे दिख सकते हैं.

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