नई दिल्ली:दिल्ली में कोरोना का कहर लगातार बढ़ रहा है. हर रोज 100 से ज्यादा लोग कोरोना इन्फेक्शन की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं और 5000 से ज्यादा लोग हर रोज कोरोनावायरस की चपेट में आ रहे हैं. इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि पहले केवल गंभीर मामलों को ही खतरनाक माना जाता था.
हल्के लक्षणों वाले मरीज घर पर रहकर ही कोरोनावायरस के इनक्यूबेशन पीरियड( 14 दिन) के बीतने का इंतजार करते थे और वह स्वस्थ हो जाते थे. लेकिन एक चौकाने वाला तथ्य सामने आया है. हल्के लक्षण वाले मरीजों की हालत भी खराब हो रही है.
कई मरीजों की हालत हल्के लक्षणों कर बावजूद हुई खराब
सर गंगा राम हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के वाइस चेयरमैन डॉक्टर अतुल कक्कड़ ने बताया कि कोरोनावायरस के व्यवहार का अंदाजा लगाना आसान नहीं है. बहुत जल्दी यह अपने आप को बदल देता है. इसका कौन सा रूप कितना खतरनाक हो सकता है. यह सिर्फ इससे ही पता चल जाता है कि गंगाराम हॉस्पिटल में ऐसे कई मरीज आए जिन्हें हल्के लक्षण थे. इन मरीजों ने शुरुआती दौर में साधारण वायरल समझते हुए अपना जांच नहीं करवाया था. इसे हल्के में लेते हुए अपने आप इंफेक्शन ठीक होने का गलत अनुमान लगाया, लेकिन जब इंफेक्शन की वजह से हालत खराब होने लगी.
कॉम्प्लिकेशंस बढ़ने लगे तब अस्पताल की तरफ भागे. गंगाराम हॉस्पिटल में ऐसे कई मरीज आए जिन्हें शुरुआती दौर में या तो लक्षण नहीं थी या बिल्कुल हल्के थे. लेकिन बाद में हाई ग्रेड फीवर मांसपेशियों में बेहद दर्द, स्ट्रोक, लिंक सिंबोसिस, लंग फाइब्रोसिस और हृदय संबंधी समस्याएं पैदा हुई.
गंगाराम हॉस्पिटल में 30 मरीजों की हालत बिगड़ी