नई दिल्ली: दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने एक बार फिर चमत्कार करके दिखाया है. एम्स के बर्न और प्लास्टिक विभाग के डॉक्टरों की टीम ने 34 वर्षीय पर्वतारोही की जान बचाई है, जिसका बचना असंभव माना जा रहा था. दरअसल, 17 अप्रैल 2023 को नेपाल माउंट एवरेस्ट पर अपने अभियान के दौरान पर्वतारोही अनुराग के साथ एक दुर्घटना हो गई. बर्फ पर क्लाइंबिंग करते समय गलत रस्सी पकड़ने से वह गहरी दरार में गिर गए. तीन दिन के बाद उन्हें खोजा गया. उनकी हालत उस वक्त बहुत खराब थी.
दिल्ली AIIMS के डॉक्टरों ने एक बार फिर किया चमत्कार, 34 वर्षीय पर्वतारोही को दिया नया जीवनदान
दिल्ली एम्स अस्पताल के डॉक्टरों ने 34 वर्षीय पर्वतारोही को नया जीवनदान दिया. दरअसल, पर्वतारोही अनुराग माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के दौरान बर्फ पर क्लाइंबिंग करते समय गलत रस्सी पकड़ने से वह लगभग 70 मीटर गहरी दरार में गिर गए थे. Delhi AIIMS
Published : Nov 8, 2023, 9:23 PM IST
डॉक्टरों ने दिया नया जीवनदान: जाको राखे साईंया मार सके ना कोय यह कहावत एक बार फिर सच साबित हुई. माउंट एवरेस्ट पर फतह करने निकले अनुराग का सपना था कि वह 8000 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचे, लेकिन उनका यह सपना तब टूट गया जब वह लगभग 6000 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद 70 मीटर गहरी दरार में गिर गए. नेपाल के अधिकारियों ने लगभग तीन दिन के बाद उन्हें खोजा. तब उनकी स्थिति काफी गंभीर बनी हुई थी. उन्हें एम्स नई दिल्ली अस्पताल लाया गया. एम्स के डॉक्टरों ने एक ऐसा करिश्मा कर दिया जो वर्षों तक याद किया जाएगा. कई सारी सर्जरी के बाद अनुराग को डॉक्टर ने एक नया जीवन दान दिया.
- ये भी पढ़ें:Ayushman Bharat Scheme: मासूम के दिल में छेद, पिता इलाज का खर्च नहीं उठा पाए, AIIMS में हुआ फ्री ऑपरेशन
मेहनत और लगन से मिली सफलता: एम्स डॉक्टर ने बताया कि अनुराग की कई सर्जरी के बाद नया जीवन दान दिया गया है. 174 दिनों की यात्रा, कई पुनर्निर्माण सर्जरी और व्यापक चिकित्सा हस्तक्षेपों की एक श्रृंखला के साथ यह शुरू हुई. 13 से 23 सितंबर के बीच संक्रमण नियंत्रण के लिए उनकी 7 सर्जरी की गई. बाद में स्किन ग्राफ्टिंग द्वारा उनके घाव की पुनर्निर्माण सर्जरी की गई. डॉक्टर ने बताया कि ऐसे केस बहुत ही कम आते हैं. यह बहुत जटिल केस था, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से काम किया. जिसके बाद आज अनुराग स्वस्थ होकर सबके सामने हैं.