नई दिल्ली:सरकार अक्सर बड़े-बड़े दावे करती है कि महिला सुरक्षा और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए वह लगातार काम कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर आज भी महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर सुविधाएं मिलती हुई नहीं दिखती हैं.
जागरूकता की कमी
दरअसल, यह बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि माहवारी दिवस पर मैक्स अस्पताल की डॉक्टर सोनिया नायक का कहना है कि हालात भले ही पहले से काफी बदले हैं, लेकिन महिलाओं की स्थिति आज भी वहीं की वहीं है. उनका कहना है कि अपने देश में माहवारी को लेकर जागरूकता अभी भी नहीं है.
डॉक्टर सोनिया नायक ईटीवी भारत से की बातचीत
उन्होंने कहा कि लोग यह सोचते हैं कि माहवारी के समय निकलने वाला ब्लड एक गंदगी है. जिसकी वजह से इन दिनों घर के बुजुर्ग उनसे अलग व्यवहार करते हैं. लेकिन असल में यह एक गन्दगी नहीं होती है. बल्कि यह शरीर की एक प्रक्रिया है, जो महिलाओं के साथ होती है.
किया जाता है कपड़े का उपयोग
डॉक्टर सोनिया नायक ने कहा कि आज भी अगर देश की बात करें तो सैनिटरी पैड को लेकर महिलाओं की स्थिति दयनीय है. आज भी कई स्थानों पर महिलाएं कपड़े का उपयोग करती हैं.
हालांकि उनका कहना है कि अगर आप कपड़े का उपयोग कर रहे हैं, तो उसे 4 से 5 घंटे के अंदर बदल लें. अन्यथा उस में इंफेक्शन फैलने की उम्मीद ज्यादा रहती है. जिससे आपको दिक्कत हो सकती है. डॉक्टर सोनिया नायक ने कहा कि जरूरी है कि लोगों में माहवारी के प्रति जानकारी ज्यादा हो, जिससे कि वह उसे एक साधारण रूप से ले सकें.