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जामिया: प्रदर्शनकारी छात्रों पर गठित हुई डिसिप्लिन कमेटी, छात्र अपनी मांग पर अड़े

छात्रों ने इस नोटिस को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सभी नियमों को ताक पर रखकर अगर जामिया प्रबंधन कोई निर्णय लेता है तो छात्र उसका पालन करने के लिए बाध्य नहीं है और जब तक छात्रों पर से शो कॉज नोटिस नहीं हटाया जाता उनकी हड़ताल खत्म नहीं होगी.

छात्रों ने प्रॉक्टर का फूंका पुतला

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Published : Oct 18, 2019, 8:06 AM IST

नई दिल्ली : जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का गुरुवार को प्रदर्शन का चौथा दिन था. बता दें कि जामिया के 5 छात्रों के विरुद्ध शो कॉज नोटिस जारी होने को लेकर सभी छात्र जामिया प्रशासन के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं.

छात्रों ने प्रॉक्टर का फूंका पुतला

छात्रों ने नोटिस को खारिज किया

छात्रों ने इस नोटिस को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सभी नियमों को ताक पर रखकर अगर जामिया प्रबंधन कोई निर्णय लेता है तो छात्र उसका पालन करने के लिए बाध्य नहीं है और जब तक छात्रों पर से शो कॉज नोटिस नहीं हटाया जाता उनकी हड़ताल खत्म नहीं होगी. प्रदर्शनकारी छात्रों ने प्रॉक्टर का पुतला फूंका और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.

प्रशासन ने शो कॉज नोटिस जारी किया था

बता दें कि पिछले दिनों इजरायल के विरोध में एक प्रोटेस्ट को लेकर 5 छात्रों के विरुद्ध जामिया प्रशासन द्वारा शो कॉज नोटिस जारी किया गया था. इस नोटिस का विरोध करते हुए जामिया के छात्र पिछले 4 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. हड़ताल पर बैठे छात्रों का कहना है कि 4 दिन बीत जाने पर भी जामिया प्रशासन की ओर से कोई उनकी सुध लेने नहीं आया बल्कि उन्हें एक नोटिस भेजा गया जिसमें यह कहा गया कि डिसिप्लिन कमेटी का गठन किया गया है. जिसके समक्ष आरोपी छात्रों को 24 घंटे के अंदर पेश होना होगा.

छात्रों का कहना है कि आमतौर पर डिसिप्लिन कमेटी के सामने उपस्थित होने के लिए छात्रों को 15 दिन का समय दिया जाता है. लेकिन इस बार जामिया प्रशासन ने सभी नियमों को ताक पर रखकर छात्रों को केवल 24 घंटे दिए हैं अपना केस उनके समक्ष रखने के लिए. छात्रों का आरोप है कि उन्होंने किसी गलत चीज के विरुद्ध प्रदर्शन नहीं किया.

जिसकी उन्हें सजा दी जाए. प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि पिछले दिनों ग्लोबल हेल्थ जेनिथ कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में इजराइल भी हिस्सा ले रहा था इसी को लेकर विरोध किया था. प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि फिलिस्तीन में इजराइल लोगों पर अत्याचार कर रहा है. इस तरह के देश से जामिया को कोई सरोकार नहीं रखना चाहिए. इसी के विरोध में यह प्रदर्शन था.

'छात्रों पर से शो कॉज नोटिस वापस लिया जाए'

जामिया प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि जामिया प्रशासन की मनमानी छात्रों द्वारा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यह विश्वविद्यालय है कोई जेल नहीं और ना ही हम यहां के कैदी बनना चाह रहे हैं इसलिए हम जामिया के डिसीप्लिनरी कमिटी के बुलावे को सिरे से खारिज करते हैं. वहीं छात्रों की मांग है कि 5 छात्रों पर से शो कॉज नोटिस वापस लिया जाए और जामिया प्रशासन छात्रों के साथ दुर्व्यवहार के लिए उनसे माफी मांगे.

बता दें कि जामिया प्रशासन ने कहा कि शो कॉज नोटिस का निर्धारित समय में जवाब ना देने के कारण छात्रों को डिसिप्लिन कमेटी की मीटिंग में आना अनिवार्य है. साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि छात्र इस मीटिंग में उपस्थित होकर अपने किए हुए विरोध प्रदर्शन की सफाई नहीं देते तो जामिया के नियम के अनुसार उनके विरुद्ध आधिकारिक तौर पर कार्यवाई की जाएगी.

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