नई दिल्ली:हरियाणा के पीजीआई रोहतक में एमबीबीएस (MBBS) करने के लिए 40 लाख रुपये के बॉन्ड की नीति का विरोध कर रहे छात्रों के समर्थन में अब दिल्ली के डॉक्टर भी आ गए हैं. (Rs 40 lakh bond policy for MBBS in Haryana) दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने फैसला किया है कि वे सोमवार को काली पट्टी बांधकर ओपीडी में मरीजों का इलाज करेंगे.
डॉक्टरों का कहना है कि बॉन्ड नीति के तहत सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे छात्रों को प्रतिवर्ष 10 लाख रुपए के हिसाब से चार साल में 40 लाख रुपये का बॉन्ड भरना जरूरी कर दिया गया है. डॉक्टरों के संगठन फेमा के सदस्य डॉक्टर मनीष जांगड़ा ने कहा कि सरकार के इस फैसले के बाद गरीब बच्चे मेडिकल की पढ़ाई नहीं कर पाएंगे. यह गलत फैसला है और इसे वापस लेना चाहिए. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर अविरल माथुर ने कहा कि सोमवार को डॉक्टर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे और इस फैसले का विरोध करेंगे.
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