नई दिल्ली:दिल्ली सरकार दिल्ली की झीलों को पुनर्जीवित कर उन्हें आकर्षक पर्यटन स्थलों में तब्दील करने में जुटी है. इसी कड़ी में दिल्ली के जल मंत्री व दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने रोहिणी सेक्टर-25 स्थित रोहिणी झील का मुआयना किया. परियोजना में जारी विभिन्न इकाइयों के कार्यों की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा की. जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने अधिकारियों को विभिन्न पहलुओं पर सुझाव दिए, जो दिल्ली सरकार द्वारा चलाई जा रही झीलों के कायाकल्प परियोजना का हिस्सा है. साथ ही उन्होंने अधिकारियों से झील को उम्मीदों के अनुरूप बदलने और समय से गुणवत्ता पूर्ण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए. इसके अलावा इकोलॉजिकल सिस्टम को बनाए रखने और लागत प्रभावी तरीकों के साथ ज्यादा से ज्यादा अंडर ग्राउंड वाटर रिचार्ज करने के लिए परियोजना को तैयार करने के लिए कहा है.
32 एकड़ में विकसित होगी रोहिणी झील
दिल्ली सरकार, दिल्ली को 'झीलों का शहर' बनाने के सपने को साकार करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है. इस परियोजना के तहत पहले चरण में सरकार की ओर से 250 जलाशयों और 23 झीलों को जीवंत किया जा रहा है. इसका उद्देश्य शहरी बाढ़ को रोकना और अवरुद्ध नालियों से बचने के लिए विभिन्न जलाशयों का निर्माण करना है. दिल्ली सरकार 'सस्टेनेबल मॉडल' का उपयोग करके झीलों का कायाकल्प कर रही है. झीलों के आस-पास पर्यावरण तंत्र को जीवंत करने के लिए देसी पौधे लगाए जा रहे हैं. साथ ही सभी जल निकायों को सुंदर रूप देने की दिशा में कड़ी मेहनत की जा रही है. रोहिणी झील राजधानी में पुनर्जीवित होने वाली 23 झीलों में से एक है और इसे जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने एक प्रमुख परियोजना के रूप में भी नामित किया है. झीलों के कायाकल्प के लिए झील का सुंदरीकरण, भू-निर्माण और ट्रीटमेंट प्लांट्स का निर्माण किया जा रहा है.
8 महीने के अंदर परियोजना पूरी होने की उम्मीद
जल मंत्री सत्येंद्र जैन का प्राथमिक उद्देश्य 80 एकड़ भूमि पर बनाई जा रही रोहिणी झील को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है, ताकि यह लोगों के मनोरंजन के लिए टूरिस्ट स्पॉट बन सके. यह परियोजना 8 महीने की समय सीमा में पूरा होने की उम्मीद है. इसके पूरा होने के एक महीने बाद ही पर्यटकों के लिए ओपन किया जाएगा. जैन ने कहा कि रोहिणी झील को सुंदर बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हम विशेषज्ञों की मदद भी ले रहे हैं. झील को इस तरह से पुनर्विकसित किया जा रहा है कि लोगों और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने.