दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

दिल्लीः रैन बसेरा चलाने वाले एनजीओ पर लग रहा भ्रष्टाचार का आरोप - रैनब सेरे एनजीओ भ्रष्टाचार

कड़कड़ाती सर्दी में दिल्ली सिकुड़ रही है. शीतलहर में फुटपाथ पर से बेघरों को रैनबसेरे में लाने वाले केयर टेकर और बचावकर्मी को एनजीओ संचालक सैलरी के लिए आठ-आठ आंसू रुलवा रहा है. दिल्ली सरकार को दिखाने के लिए सैलरी अकाउंट में डालकर निकाल भी ले रहे हैं.

corruption in ngo which run night shelters
एनजीओ पर लग रहा भ्रष्टाचार का आरोप

By

Published : Dec 29, 2020, 1:47 AM IST

नई दिल्लीः कश्मीर और हिमाचल में बर्फबारी का असर दिल्ली में देखने को मिल रहा है. दिल्ली का तापमान लगातार नीचे गिर रहा है और कड़कड़ाती सर्दी में लोगों का बुरा हाल हो रहा है. ऐसे में फूटपाथ पर रहने वाले बेघर लोगों को उठाकर रैन बसेरे में पहुंचाने वाले एनजीओ में काम करने वाले केयर टेकर और बड़ी संख्या में बचाव कर्मी इस काम में लगे हुए हैं.

एनजीओ पर लग रहा भ्रष्टाचार का आरोप

वहीं इसका दुखद पहलू यह है कि इन्हें निर्धारित सैलरी नहीं दी जा रही है. दिल्ली सरकार को सिर्फ यह बताने के लिए कि सभी कर्मचारियों को पूरी सैलरी दी जा रही है. बैंक अकाउंट में सैलरी डाल कर फिर वापस निकाल लिया जाता है. एक केयर टेकर हरिशंकर, जिसने एनजीओ पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, जिसके बाद उसे ना सिर्फ नौकरी से निकाल दिया गया, बल्कि उन्हें लगभग ढ़ाई लाख रुपये का भुगतान भी नहीं किया गया.

'काम का दाम भी नहीं मिल रहा'

हरिशंकर ने बताया कि मार्च महीने में जब लॉकडाउन लगाया गया था, उस समय आनंद विहार बस टर्मिनल, रेलवे स्टेशन, स्पोर्ट्स कंपलेक्स, जहां प्रवासी मजदूरों को ठहराया गया था. उनकी सेवा में यह कर्मचारी दिन-रात लगे रहे. उन्हें खाना, पानी, दूध और फल फ्रूट पहुंचाते रहे, लेकिन नाम एनजीओ का हुआ. मेहनत किसी और का और नाम किसी और का. इतना काम करने के बावजूद कर्मचारियों को पूरी सैलरी नहीं दी जा रही है.

'सामाजिक कार्यकर्ता दिलाएंगे न्याय'

बेघर लोगों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सुनील अलेड़िया ने भी इस मुद्दे को उठाया है. उन्होंने कहा कि सही मायने में रैन बसेरों में काम करने वाले केयरटेकर ही कोरोना वॉरियर्स हैं, लेकिन एनजीओ संचालक पूरा क्रेडिट ले जाते हैं. असली कोरोना वॉरियर्स को दूध में पड़े मक्खी की तरह बाहर निकाल फेंका जाता है. इस आवाज को हम हर प्लेटफार्म पर उठाएंगे और एनजीओ के केयरटेकर्स को न्याय दिलाएंगे.

'रैन बसेरे के कॉन्ट्रैक्ट के लिए खेला जाता है यह खेल'

केयरटेकर की नौकरी करने वाले हरिशंकर ने बताया कि एनजीओ में जितने भी सफाई कर्मी, केयरटेकर, पुरुष और महिला कर्मचारी जितने भी हैं सभी के अकाउंट में सैलरी डालने के बाद वापस पैसे निकाल लिए गए. ऐसा कर दिल्ली सरकार को यह बताया जा रहा है कि सभी कर्मचारियों को समय पर सैलरी दे दी जाती है, ताकि उन्हें कॉन्ट्रैक्ट लगातार मिलता रहे.

एनजीओ के करप्शन की जांच की मांग

अलेड़िया का स्पष्ट मानना है कि यह सीधे एनजीओ का करप्शन का मामला है. इसकी जांच होनी चाहिए. जब दिल्ली सरकार कर्मचारियों को पैसा दे रही है, तो एनजीओ संचालक बीच में बिचौलिया बनकर पैसा खाने में लगा हुआ है. केयरटेकर रैनबसेरे के अंदर अपनी जान को जोखिम में डालकर सेवा दे रहे हैं और बदले में उन्हें पूरी सैलरी भी नहीं मिलती. वह केयर टेकर को न्याय दिलाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करेंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details