दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

स्पेशल रिपोर्ट: जानें विशेषज्ञ से किसे-किसे दी जाएगी कोरोना वैक्सीन...

2021 में कोरोना वैक्सीन आ रही है. इसको लेकर लोग काफी उत्साहित हैं, लेकिन क्या वैक्सीन सभी के लिए जरूरी है? क्या उनके लिए भी जरूरी है जो कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं और उनके शरीर में एंटीबॉडी बन चुकी है? वायरस के बार-बार रूप बदलने से वैक्सीन की सेफ्टी और इसके प्रभाव पर क्या फर्क पड़ेगा? इसके बारे में जानते हैं विशेषज्ञ से....

corona vaccine is coming in new year but is it for for all
जाने क्या वैक्सीन सभी के लिए जरूरी है?

By

Published : Dec 20, 2020, 2:25 PM IST

नई दिल्ली: 2020 के अब गिनती के दिन बाकी रह गए हैं. एक अनुमान के मुताबिक भारत की 60 फ़ीसदी आबादी कोरोना से पीड़ित हो चुकी है. इनमें से ज्यादातर वो मरीज हैं जो बिना लक्षणों वाले हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि इतनी बड़ी आबादी के कोविड संक्रमित होने के बाद हर्ड इम्यूनिटी आ चुकी है. अब सवाल यह उठता है कि 2021 की शुरुआत में जब कोरोना वैक्सीन आम लोगों के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी, तो क्या सभी लोगों के लिए वैक्सीन लेना जरूरी होगा या पूरी आबादी के केवल कुछ फीसदी लोगों को ही वैक्सीन लेनी होगी? ये सवाल इसलिए अहम हैं, क्योंकि भारत की आबादी बहुत अधिक है और इस अनुपात में वैक्सीन की उपलब्धता बहुत कम है. सवाल यह भी है कि क्या उन लोगों को भी वैक्सीन लेने की जरूरत होगी जो पहले ही कोरना संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं और उनकी बॉडी में कोविड-19 का एंटीबॉडी बन चुकी है?

जाने क्या वैक्सीन सभी के लिए जरूरी है?
हार्ट केयर फाउंडेशन और वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल बताते हैं कि वह मानकर चलते हैं कि भारत में 60% लोगों को कोरोना हो चुका है. अगर ऐसा है तो 20% लोगों को वैक्सीन लग जाए तो हर्ड इम्यूनिटी आ जाएगी. आज की तारीख में कोरोना को लेकर 60 अनुपात 90 अनुपात 1 चल रहा है. इसका मतलब यह हुआ कि अगर एक मरीज को लक्षणों वाला कोरोना संक्रमण है तो बिना लक्षणों वाले मरीजों की संख्या 60 से लेकर 90 तक हो सकती है. अगस्त महीने में यह 30% था और सितंबर महीने में यह आंकड़ा 60% था. अगर इतना भी कोरोना संक्रमण हो चुका है तो हर्ड इम्यूनिटी को कोई नहीं रोक सकता है. डॉ अग्रवाल के मुताबिक मार्च महीने में जब लॉकडाउन का पहला साल पूरा होगा उससे पहले ही भारत हर्ड इम्यूनिटी प्राप्त कर लेगा. इसका फायदा यह होगा कि कोरोना संक्रमण में स्थिरता आ जायेगी.



पहले से संक्रमित लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल नहीं

डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि जिन लोगों को कोरोना हो चुका है उन्हें फिलहाल वैक्सीन लेने की जरूरत नहीं है और ये प्राथमिकता में होंगे भी नहीं. 3 महीने बाद उन्हें वैक्सीन दी जा सकती है. अभी तक वैक्सीन का ट्रायल उन लोगों पर नहीं हुआ है जो पहले ही कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं.



वायरस का रूप बदलने से क्या फर्क पड़ेगा वैक्सीन पर?

वायरस कई बार अपना रूप बदल चुका है। इसके शुरुआती स्ट्रेन की मदद से बनाई गई वैक्सीन क्या कारगर हो पाएगा ? इसको लेकर डॉक्टर अग्रवाल बताते हैं कि हर महीने कोरोनावायरस अपना रूप बदल लेता है, लेकिन अच्छी बात यह है कि ये वैरिएंट्स हैं, स्ट्रैन नहीं हैं. इंग्लैंड में अभी 2020 (12 ए) नामसे एक नया वायरस सामने आया है. यह वायरस का नया वेरिएंट है. लेकिन इससे वैक्सीन की गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ता है. अगर स्ट्रेन ही बदल जाए तो बात अलग है. जनवरी 2021 तक वैक्सीन आने की पूरी संभावना है और मार्च 2021 तक भारत में हर्ड इम्यूनिटी प्राप्त हो जाएगी.


सभी के लिए वैक्सीन जरूरी नहीं

पहले फेज में किसे वैक्सीन दी जाएगी? डॉ अग्रवाल के मुताबिक पहले फेज में बच्चों को वैक्सीन दी जाएगी. दमा के मरीजों को नहीं दी जाएगी. हाई रिस्क में जितने भी लोग हैं और 50 साल के ऊपर के लोग जितने भी हैं उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी. इसके अलावा हेल्थ केयर वर्कर्स को भी लगाई जाएगी. वैक्सीन शरीर में पहुंचकर एंटीबॉडी बनाएगी और कोरोना संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करेगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details