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दिल्ली में 2 प्रतिशत हुई कोरोना की ग्रोथ रेट, रिकवरी रेट में भी इजाफा

दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है. इसको लेकर सरकार का कहना है कि दिल्ली में कोरोना मामलों की जांच भी अधिक हो रही है. लेकिन फिलहाल दिल्ली के लोगों के लिए राहत की बात ये है कि कोरोना की ग्रोथ रेट दिल्ली में घटी है जबकि मरने वालों का आंकड़े में कमी आई है.

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Published : Jul 6, 2020, 3:38 PM IST

Corona growth rate down to 2% in Delhi recovery rate also increased
दिल्ली में 2 प्रतिशत हुई आया कोरोना की ग्रोथ रेट

नई दिल्ली: कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों में बीच दिल्ली वालों के लिए एक राहत भरी खबर है. राजधानी दिल्ली में कोरोना के नए मरीजों के मिलने का ग्रोथ रेट तेजी से नीचे आई है. इसके साथ ही मरीजों के ठीक होने की दर भी लगातार बढ़ते हुए 71 प्रतिशत से भी ज्यादा हो गई है. जबकि इससे होने वाली मौतों के प्रतिशत में भी मामूली गिरावट देखने को मिली है.

दिल्ली कोरोना अपडेट
लगातार कम हो रहा है ग्रोथ रेट

करीब एक महीने पहले तक विशेषज्ञों का अनुमान था कि जुलाई महीने में दिल्ली में कोरोना विस्फोट की स्थिति आ जाएगी और मरीजों की संख्या साढ़े पांच लाख तक पहुंच जाएगी. लेकिन वर्तमान में यह अभी जहां एक लाख से भी कम है, वहीं पिछले 15 दिनों के आंकड़े देखें तो दिल्ली में कोरोना के नए मरीजों के सामने आने के मामले में भी गिरावट नजर आ रही है. 10 दिन पहले तक जहां दिल्ली में कोरोना मरीजों के मिलने की ग्रोथ रेट पांच प्रतिशत थी, वहीं अब ये दर केवल 2 प्रतिशत तक आ गई है. वहीं दिल्ली में कोरोना मरीजों के रिकवरी रेट में भी लगातार इजाफा होता जा रहा है, जो अब बढ़ता हुआ 71 प्रतिशत से भी ऊपर जा चुका है.

दिल्ली में 2 प्रतिशत हुई आया कोरोना की ग्रोथ रेट

मृत्यु दर में भी हो रही है कम

एक्टिव केस का मतलब वैसे मरीजों से होता है जो फिलहाल कोरोना पॉजिटिव हैं और अस्पताल या होम आईसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. फ़िलहाल दिल्ली में एक्टिव केसों का औसत 25.18 प्रतिशत है, जो करीब 20 दिन पहले तक 68 प्रतिशत हुआ करता था. इसके अलावा दिल्ली में इन्फेक्शन रेट भी लगातार कम होता हुआ 10 प्रतिशत से कम पर आ गया है. वर्तमान में यह 9.69 प्रतिशत हो गया है.

सिर्फ 35 प्रतिशत ही सीरियस

वहीं सरकार के आंकड़ों की माने तो दिल्ली में फ़िलहाल जो एक्टिव केस हैं उनमे से केवल 35 प्रतिशत ही सीरियस हैं. जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरुरत है. जिसकी वजह से अभी भी दिल्ली में 65 प्रतिशत बेड खाली हैं. जबकि मृत्यु दर भी मामूली गिरावट के साथ 3.08 प्रतिशत पर आ गया है.

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