नई दिल्ली:संगम विहार एशिया की सबसे बड़ी अनऑथराइज्ड कॉलोनी है और वर्तमान समय में संगम विहार दिल्ली के उन कुछ इलाकों में शामिल है, जहां पीने के पानी की सबसे ज्यादा समस्या है.
गौर करने वाली बात यह भी है कि इसी संगम विहार से दिनेश मोहनिया विधायक हैं, जो दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष भी हैं. इस लिहाज से संगम विहार खासा महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि दिल्ली जल बोर्ड के ऊपर दिल्ली के लोगों तक पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी है.
बिजली-पानी के मुद्दे पर कांग्रेस का प्रदर्शन इसलिए यहां किया विरोध प्रदर्शन
शायद यही कारण है कि शीला दीक्षित ने संगम विहार का चुनाव किया था, विरोध प्रदर्शन के लिए. शीला दीक्षित ने यहां मटका फोड़ कर प्रदर्शन किया, वहीं अपने संबोधन में कहा कि हम जनता की उस आवाज को सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं, जिसमें जनता बिजली और पानी के लिए त्राहिमाम कर रही है. यहां शीला दीक्षित के अलावा अन्य भी कई स्थानीय नेताओं ने भाषण दिया.
लोगों का संबोधन करती शीला दीक्षित केजरीवाल सरकार को लिया आड़े हाथ
सभी नेताओं का फोकस इसी बात पर था कि शीला दीक्षित के 15 साल के शासन काल में इतनी खराब स्थिति नहीं थी, जितनी अभी आम आदमी पार्टी के बीते साढ़े 4 साल के शासनकाल में हो चुकी है. खासकर पानी के मुद्दे पर सब ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी सरकार को आड़े हाथों लिया.
प्रदर्शन करते कांग्रेसी कार्यकर्ता विरोध में शामिल नहीं हुए स्थानीय लोग और एनजीओ!
हालांकि कांग्रेस की तरफ से जिस तरह का दावा किया गया था कि इस विरोध प्रदर्शन में आरडब्ल्यूए एनजीओ और स्थानीय लोगों को भी शामिल करेंगे, वैसा जुड़ाव यहां पर नजर नहीं आया. शीला दीक्षित के प्रदर्शन में केवल स्थानीय कांग्रेसी कार्यकर्ता ही नजर आए. आम लोगों की कोई सहभागिता नहीं दिखी.