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चैरिटी बेड्स का दावा, आने वाले समय में कोरोना मरीजों के लिए बेड मिलना मुश्किल - कोरोना मामले अपडेट

दिल्ली में कोरोना मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. ऐसे में अब सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड्स की कमी देखी जा रही है. वहीं इस खबर में जानिए आखिरकार कैसे चैरिटी बेड्स एनजीओ में काम करने वाले गगन भारती कोरोना मरीजों की मदद कर रहे हैं.

ngo claims bed availability for corona patients will be difficult
आने वाले समय में कोविड मरीजों के लिए बेड मिलना होगा मुश्किल

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Published : Jun 16, 2020, 6:16 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना मामलों में बढ़ोतरी के साथ-साथ मरीजों के लिए बेड्स की कमी भी सामने आ रही है. इसी कड़ी में कोरोना मरीजों के लिए काम कर रही गैर-कानूनी संस्था 'चैरिटी बेड्स' में काम करने वाले गगन भारती बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों से उनकी टीम लगातार कोविड मरीजों के लिए काम कर रही है. हमारी टीम सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सुबह से रात तक काम करती है.

दिल्ली में आने वाले समय में कोविड मरीजों के लिए बेड मिलना होगा मुश्किल

संस्था ने जारी की वेबसाइट

ये संस्था 'चैरिटी बेड्स डॉट कॉम' नाम की वेबसाइट चलाती है. इस वेबसाइट पर कोविड मरीजों के लिए कितने जनरल वार्ड, कितने आइसीयू और कितने वेंटिलेटर बेड्स खाली हैं. इस सूचना को साझा किया जाता है. वहां से जानकारी लेकर कोई भी अस्पताल में एडमिट हो सकता है.

ईडब्ल्यूएस मरीजों के लिए करते काम

गगन ने बताया कि उन्होंने अपना और अपनी टीम का मोबाइल नंबर भी शेयर किया है. वहीं इस नंबर के जरिए लोग उनसे कोविड बेड्स की जानकारी लेते हैं. वह लोगों के लिए बेड उपलब्ध कराने में मदद करते हैं. वो मूल रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) मरीजों के बेड्स के लिए काम करते हैं, लेकिन कोरोना काल में उन्होंने कोविड मरीजों की मदद करने का फैसला किया.



बहुत कम हैं आईसीयू बेड

गगन से बताया कि वह और उनकी टीम दिन-रात कोविड मरीजों के लिए बेड्स के लिए काम कर रहे हैं. उन्हें अब अंदाजा हो गया है कि आज की तारीख में अस्पतालों में आईसीयू बेड्स बहुत कम बचे हैं. चाहे सरकारी अस्पताल हो या प्राइवेट, हर जगह हालात खराब है.


सरकारी अस्पतालों में नहीं जाना चाहते

गगन ने बताया कि लोगों की हालत ऐसी हो गई है कि सरकारी अस्पतालों की हालत देखकर वहां जाने के लिए तैयार नहीं हैं और निजी अस्पतालों के बिल भुगतान करने की हैसियत नहीं है. दिल्ली सरकार ने हालांकि बोला था कि वो 22 प्राइवेट अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए बेड बढ़ा लें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इलाज मिल सके. जिन अस्पतालों में बेड बढ़ाए गए वो पूरे भर गए हैं.

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