नई दिल्ली:जिन स्कूलों के आधार पर दिल्ली सरकार क्रांति की बात करती है उन्हीं स्कूलों को अब कई मामलों में निगम के स्कूल भी टक्कर दे रहे हैं. बच्चों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की दिशा में तो साउथ एमसीडी ने दिल्ली सरकार के स्कूलों को पछाड़ भी दिया है.
दावा है कि निगम के सभी स्कूलों में कैमरे लगा दिए गए हैं, जबकि दिल्ली सरकार के स्कूलों में ये प्रोजेक्ट अभी तक अधूरा पड़ा है. फंड की किल्लत से जूझने के बाद भी साउथ एमसीडी के सभी 581 स्कूलों में कैमरे लगा दिए गए हैं.
शिक्षा समिति की अध्यक्षा नंदिनी शर्मा ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत इन स्कूलों में कुल 3943 कैमरे लगाए गए हैं, जिसकी लागत लगभग 5 करोड़ की आई है. खास बात है कि गर्मियों की छुट्टियों के बाद निगम के अधीन पढ़ने वाले सभी 2.35 लाख बच्चे सीसीटीवी की निगरानी में सुरक्षित होंगे.
'सभी स्कूलों में लगे कैमरे'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में शिक्षा समिति की अध्यक्षा नंदिनी शर्मा ने बताया कि निगम के अधीन आने वाले सभी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं और यह चालू अवस्था में है. उन्होंने कहा कि निगम के पास फंड की बहुत कमी है. इसके बाद भी सभी स्कूलों में कैमरों का काम पूरा कर लिया गया है.
'फंड देने में देर करती है दिल्ली सरकार'
नंदिनी शर्मा ने कहा कि वह निगम के स्कूलों की तुलना दिल्ली सरकार के स्कूलों से बिल्कुल नहीं करती हैं. हालांकि जिस तरह की फंड की किल्लत से निगम के स्कूल जूझ रहे हैं उसके बाद भी योजना पूरी हो रही हैं.
बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूलों में लगे सीसीटीवी कैमरे ये अपने-आप में बड़ी बात है. उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार उन्हें या तो फंड देती ही नहीं है और अगर देती है तो बिल्कुल समय खत्म हो जाने के बाद जबकि वो फंड लैप्स हो जाता है. स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए सीटों का इंतजाम इसी के चलते रुका पड़ा है.
'निगम के स्कूलों में नहीं लगे सीसीटीवी कैमरे'
उधर साउथ एमसीडी में नेता विपक्ष और आम आदमी पार्टी के नेता प्रवीण कुमार ने आरोप लगाया कि निगम के स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के नाम पर झूठ परोस रही है.
उन्होंने कहा कि सच्चाई है कि निगम के सभी स्कूलों में कैमरे नहीं लग पाए हैं. यहां तक कि उनके खुद के वार्ड में निगम के स्कूल में कैमरे लगाने का काम शुरू तक नहीं हुआ है. इसी के पीछे उन्होंने 'आप' पार्षदों के वार्ड में जानबूझकर सुविधा नहीं देने की आशंका भी जताई.
दिल्ली सरकार और एमसीडी के प्रोजेक्ट में अंतर
गौर करने वाली बात यह भी है कि स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर दिल्ली सरकार के प्रोजेक्ट और एमसीडी के प्रोजेक्ट में बहुत अंतर है. दिल्ली सरकार के स्कूलों में क्लासेज के अंदर कैमरे लगाए जाने की बात है जिसे अभिवावक घर बैठे भी देख सकते हैं.
वहीं निगम के स्कूलों में स्कूल परिसर में मुख्य-मुख्य जगहों या गेट के आसपास कैमरे लगाए गए हैं. संख्या के मामले में भी दिल्ली सरकार के स्कूलों की निगम से तुलना नहीं है. हालांकि, इस सब के बावजूद निगम के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि है.