नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के करीब आते ही दिल्ली में कांग्रेस, आप और बीजेपी इस बार जातीय समीकरण पर विशेष ध्यान दे रही है. कहा जाता है कि बीजेपी धार्मिक राजनीति करती है तो इस बार उसी कड़ी में कांग्रेस भी दिल्ली की सातों सीटों पर ऐसे ही उम्मीदवार को उतारने की तैयारी में है, जिससे वह बीजेपी को शिकस्त दे सकें.
जानिए क्या है दक्षिणी दिल्ली का जातीय समीकरण, तीनों पार्टियां इसी रणनीति पर खेलेंगी दांव! दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट पर गुर्जर और जाट बिरादरी की सबसे ज्यादा बहुलता है, जिसमें 22 गांव गुर्जर और17 गांव जाट बहुलता के हैं. बता दें कि दक्षिणी दिल्ली की मौजूदा जनसंख्या 19.5 लाख हैं लेकिन चुनाव से पहले बढ़ने वाले वोटरों की संख्या बढ़ कर करीब 20 लाख से ज्यादा हो सकती है.
जातिय बहुबलता वाले इलाके...
वहीं दक्षिणी दिल्ली में 40 वार्ड हैं. ऐसे में मौजूदा जनसंख्या की बात करें तो इसमें पंजाबी एक लाख, तीन लाख पूर्वांचली, दो लाख ब्राह्मण, साथ ही छह लाख गुर्जर और जाट हैं. इसके अलावा अन्य बिरादरियां भी शामिल हैं.
बता दें कि पंजाबी बहुल इलाके में साकेत, गोविंदपुरी, सुखदेव विहार, महारानी बाग शामिल है. वहीं गुर्जर बहुल इलाके में मीठापुर, ताजपुर, हरकेश नगर, घिटोरनी, आया नगर, जौनापुर, फतेहपुर बेरी, बदरपुर, तुगलकाबाद शामिल हैं. मुस्लिम बहुल इलाके में सैदुलाजाब, चन्दनहोला, जामिया नगर शामिल हैं. जाट बहुल इलाके की बात करें तो महिपालपुर, लाडो सराय, नेब सराय शामिल है. ब्राह्मण बहुल इलाके में सभलखा, सराय जुलेना, किलोकरी व अन्य हैं.