नई दिल्ली:राजधानी के एक सरकारी स्कूल में तीसरी कक्षा के एक छात्र से हैवानियत करने का मामला (Cruelty to third grade student) सामने आया है. चार सीनियर छात्रों ने न केवल छात्र के साथ मारपीट की, बल्कि रेशम के धागे से उसके प्राइवेट पार्ट को बुरी तरह से बांध दिया. कई दिन तक मासूम छात्र दर्द को बर्दाश्त करता रहा. डर के कारण उसने घर में किसी को कुछ नहीं बताया, लेकिन बुधवार को जब बच्चे के परिजनों ने उसे नहलाने के लिए कपड़े उतारे तो इसका खुलासा हुआ. गुरुवार रात को मामले की सूचना पुलिस को दी गई. बच्चे को सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने ब्लेड की मदद से पक्के धागे को काटा. बच्चे को पूरी रात डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया, जिसके बाद गुरुवार को बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया गया. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
दरअसल, कोटला मुबारकपुर क्षेत्र के पिलंजी गांव में मनोज (बदला हुआ नाम) परिवार के साथ किराए के मकान में रहते हैं. वह एक बैंड पार्टी में काम करते हैं, जबकि पत्नी प्राइवेट नौकरी करती है. इनके तीन बच्चे हैं, जिनमें पीड़ित (उम्र 8 वर्ष) सबसे बड़ा है. वह किदवई नगर ईस्ट स्थित अटल आदर्श विघालय में तीसरी कक्षा का छात्र है. छात्र 24 दिसंबर को स्कूल गया था, जहां टॉयलेट जाने पर उसे चार सीनियर छात्रों ने पकड़ लिया. ये सारे छात्र 15-16 साल के थे. इन्होंने छात्र के साथ मारपीट की. साथ ही एक छात्र ने बच्चे के हाथ और दूसरे ने उसके पैर पकड़े. वहीं एक छात्र गेट पर खड़ा हुआ और एक अन्य ने बच्चे के प्राइवेट पार्ट को रेशम के धागे से कसकर बांधते हुए कई बार गांठ लगा दी. आरोपी पीड़ित छात्र के साथ जोर जबरदस्ती करना चाहते थे.
इसके बाद आरोपियों ने उसे बुरी तरह धमकाया और कहा कि अगर इस बारे में उसने किसी को कुछ बताया तो वे उसके माता पिता को मार देंगे. इस पर डर के कारण पीड़ित छात्र ने स्कूल में किसी को कुछ नहीं बताया और छुट्टी होने पर वह घर लौटा आया. उसे दर्द की शिकायत होने के बावजूद वह बर्दाश्त करता रहा. अगले दो दिन तक वह स्कूल नहीं गया. इसके बाद 27 और 28 दिसंबर को वह स्कूल तो गया, लेकिन तब भी उसने किसी टीचर से कुछ नहीं कहा.
बुधवार शाम इस छात्र के पिता ने जब नहलाने के लिए उसके कपड़े उतारे तो वह प्राइवेट पार्ट को देख हैरान रह गए. पूछने पर बच्चे ने बताया कि स्कूल के सीनियार छात्रों ने यह सब किया है. इस पर गुरुवार में पुलिस को मामले की सूचना दी गई और बच्चे को सफदरजंग हॉस्पिटल ले जाया गया. वहां कॉल पर गए पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में डॉक्टरों ने ब्लेड की मदद से किसी तरह धागे को काटा. पूरी रात इस बच्चे को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया और सब जांच होने के बाद ही गुरुवार को उसे अस्पताल से छुट्टी दी गई.