नई दिल्ली:साउथ दिल्ली की साकेत थाने की पुलिस टीम ने एंफोटेरेसिन-बी इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही दोनों आरोपियों के कब्जे से 20 इंजेक्शन एंफोटेरेसिन -बी, तीन मोबाइल फोन और एक कार को बरामद किया है. यह इंजेक्शन ब्लैक फंगस के इलाज के लिए सबसे ज्यादा उपयोगी दवा बताई जा रही है.
आरोपी इस इंजेक्शन को MRP से लगभग 36 गुना अधिक पर बेच रहे थे. पूछताछ पर आरोपियों की पहचान रजनीश श्रीवास्तव और मुर्तजा खान के रूप में की गई है. आरोपी रजनीश गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन का रहने वाला है तो वहीं दूसरा आरोपी मुर्तजा खान दिल्ली के हर्ष विहार इलाके का रहने वाला बताया जा रहा है.
दो छात्रों ने की थी शिकायत
डीसीपी अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि अभिषेक कुमार और ऋषभ नाम के दो छात्र पुलिस स्टेशन साकेत में आए और बताया कि वह एक व्हाट्सएप ग्रुप कोविड हेल्पर के सदस्य हैं और कोविड-19 और ब्लैक फंगस के रोगियों के लिए दवाओं की मदद करते हैं. वह एक जरूरतमंद मरीज के लिए एंफोटेरेसिन-बी इंजेक्शन की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहे थे.
उन्होंने एक व्यक्ति से संपर्क किया, जो इंजेक्शन को अधिक कीमत पर बेच रहा हैं. जो कि MRP से लगभग 36 गुना है. कथित व्यक्ति 20 इंजेक्शन को देने 2 लाख 26 हजार में तैयार हो गया और वह इंजेक्शन देने के लिए साकेत मैक्स अस्पताल आने वाला है.
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पुलिस ने जाल बिछाकर किया गिरफ्तार
साकेत थाने के SHO महिपाल ने बिना समय बर्बाद करते हुए SI अमन कॉन्स्टेबल जोगिंदर और विनोद को छापेमारी के लिए भेज दिया. टीम ने शिकायतकर्ता के साथ कुछ देर मैक्स अस्पताल के पास इंतजार किया और दोपहर करीब 2 बजे MG हेक्टर कार में दो व्यक्तियों ने इंजेक्शन की डिलीवरी के लिए मैक्स अस्पताल के पास पहुंचे. हौज रानी रेड लाइट पर शिकायतकर्ता को बुलाया.