नई दिल्ली:राष्ट्रभाषा सम्मान को सम्मानित करने के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक अनोखी पहल की है. हिंदी और उर्दू समेत संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल अन्य भारतीय भाषाओं की कृति एवं लेखकों एवं अनुवादकों को सम्मानित करने की परिपाटी की शुरुआत की है. इसी कड़ी में बैंक 'ऑफ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान' पुरस्कारों के लिए चयनित रचनाओं की लंबी सूची में शामिल हुए उर्दू भाषा के चार उपन्यास पुरस्कारों के लिए चयनित 12 रचनाओं में अल्लाह मियां का कारखाना, चीनी कोठी, एक खंजर पानी में और नेमत खाना शामिल हैं.
भारतीय भाषाओं की साहित्यिक रचनाओं तथा उनके हिंदी अनुवाद को सम्मान स्वरूप इन कृतियों का चयन किया गया है. दिल्ली में सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम में चयनित लेखकों एवं अनुवादकों के नाम की घोषणा की गई और उन्हें सम्मानित किया गया. सुप्रसिद्ध लेखिका और बुकर पुरस्कार विजेता, सुश्री गीतांजलि 5 सदस्यीय ज्यूरी की अध्यक्षा हैं.
लेखकों को 21 लाख रुपये का पुरस्कार:'बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान' पुरस्कार रचना के मूल लेखक तथा हिंदी में पुस्तक के अनुवादक दोनों को प्रदान किया जाएगा. पुरस्कार जीतने वाली पुस्तक के मूल लेखक तथा उसके हिंदी अनुवादक को क्रमशः 21 लाख रुपए और 15 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी. इसके अलावा, प्रथम पुरस्कार के बाद की 5 सर्वश्रेष्ठ चयनित पुस्तकों को दिया जाएगा.
भाषाओं का संगम संस्कृति का आधार:इस अवसर पर बैंक ऑफ बड़ौदा के कार्यकारी निदेशक ललित त्यागी ने बताया कि, “साहित्यिक विरासत के मामले में हमारा देश काफी समृद्ध रहा है और अलग-अलग भाषाओं का संगम हमारी संस्कृति का आधार रहा है. इसलिए, बैंक ऑफ़ बड़ौदा द्वारा "बैंक ऑफ़ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान" की घोषणा से संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन मिलेगा. राष्ट्रभाषा की बात की जाए, तो इसका तात्पर्य देश की सभी प्रमुख भाषाओं से है. मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि, आने वाले समय में यह सम्मान साहित्य के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि साबित होगा.”