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कोरोना: आयुर्वेदिक औषधियों की डिमांड बढ़ी, हर्बल दवाओं की बिक्री में तेजी - दिल्ली आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर

डॉक्टर की तरफ से भी लगातार कहा जा रहा है कि कई ऐसी औषधि है जो कोरोना महामारी से बचने के लिए ले सकते हैं. रोगों से लड़ने की अपनी क्षमता को बढ़ा सकते हैं. इसी को लेकर मेडिकल स्टोर के मालिक ने बताया कि कई ऐसी दवाएं अब तेजी से मांग में आई है. जिसमें तुलसी, अदरक, च्यवनप्राश, गिलोय, काढ़ा, शहद औषधियों की दवाएं शामिल हैं.

Ayurvedic medicines Demand
आयुर्वेदिक औषधियों की डिमांड

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Published : Jun 25, 2020, 1:05 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है. इसी बीच लोग अपनी इम्यूनिटी स्ट्रांग करने के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं. कोरोना ने कई ऐसी आयुर्वेदिक दवाओं की डिमांड बढ़ा दी है. जो इस गर्मी के मौसम में आमतौर पर लोग लेना पसंद नहीं करते थे. डॉक्टर की तरफ से भी लगातार कहा जा रहा है, कि कई ऐसी औषधि है जो हम इस महामारी से बचने के लिए ले सकते हैं. रोगों से लड़ने की अपनी क्षमता को बढ़ा सकते हैं.

बढ़ी आयुर्वेदिक औषधियों की डिमांड
तुलसी, काढ़ा, गिलोय टेबलेट ले रहे लोग

नवयुग आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर के मालिक मनोज गुप्ता ने बताया कि वैसे तो आयुर्वेदिक दवाओं की लोगों में मांग हमेशा से रही है. लेकिन कई ऐसी दवाएं अब तेजी से मांग में आई है. जो अक्सर लोग सर्दियों में लेना ज्यादा पसंद करते थे. जिसमें तुलसी, अदरक, च्यवनप्राश, गिलोय, काढ़ा, शहद औषधियों की दवाएं शामिल हैं.

कोरोना को लेकर डॉक्टर और मंत्रालय की तरफ से भी लगातार ये कहा जा रहा है कि कई औषधियां हैं. जिन्हें लेकर आप अपनी रोगों से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं. जिसके बाद लोग तुलसी ड्राप, गिलोय टेबलेट, च्यवनप्राश और सभी औषधि युक्त काढ़ा लेने के लिए लोग आ रहे हैं.


अक्सर सर्दियों में आयुर्वेदिक दवाएं लेते थे लोग


आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर मौजूद दुकानदार ने ये भी बताया कि किस प्रकार आप इन औषधियों का सेवन कर सकते हैं. जैसे कि तुलसी ड्रॉप किसी भी पेय पदार्थ में एक ड्रॉप डालकर ले सकते हैं. काढ़ा सुबह-शाम गर्म पानी में डालकर लिया जाता है.

ये दवाएं लोगों का पाचन और इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मददगार हैं. हालांकि उनका कहना था कि इन दवाओं की डिमांड बढ़ने के बाद स्टॉक में थोड़ी कमी जरूर आई है, जो पहले समान बल्क में आता था. अब वो थोड़ा-थोड़ा कर मंगाना पड़ रहा है.

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