नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते कहर के बीच एम्स से एक अच्छी खबर आई है. टेस्टिंग किट को लेकर बहुत मारामारी चल रही थी. निजी अस्पतालों में 4500 रुपए तक चार्ज किये जाते हैं, फिर भी रिपोर्ट भरोसेमंद नहीं मिल रही थी. एम्स ने अब सारी समस्याओं का समाधान कर दिया है. एम्स के इंफेक्शन डिजीज और मेडिसिन डिपार्टमेंट के संयुक्त प्रयास से एंटीजन पर आधारित कोविड-19 की नई टेस्टिंग किट ईजाद की गई है. टेस्ट करना भी आसान है और रिपोर्ट भी महज 15-30 मिनट में आ जाती है. मंगलवार से एम्स में इस टेस्टिंग किट से जांच करना भी शुरू कर दिया जाएगा.
पिछले दिनों टेस्टिंग किट को लेकर बहुत हंगामा हुआ था. सर गंगाराम हॉस्पिटल के टेस्टिंग लाइसेन्स को ससपेंड कर दिया गया था. अच्छी बात यह है कि इस अस्पताल पर टेस्टिंग ना करने के लिए लगे प्रतिबंध को हटा लिया गया है और साथ ही एम्स ने टेस्टिंग किट का सस्ती, भरोसेमंद और कम समय में रिपोर्ट देने वाली टेस्टिंग किट बनाने में सफलता पा ली है. यह ओर देश के लिए गर्व की बात है. अब कोविड टेस्ट के लिए चीन निर्मित आरटी-पीसीआर किट ओर निर्भरता कम हो जाएगी. एम्स के कार्डियो-रेडियोलॉजी विभाग के असिसिटेंट प्रोफेसर डॉ. अमरिंदर सिंह ने बताया कि एम्स ने कोविड -19 टेस्टिंग किट बनाने में सफलता प्राप्त कर ली है। एंटीजन आधारित यह टेस्टिंग किट से कोविड वायरस जांच करना प्रैग्नेंसी टेस्ट जितना ही आसान है.
एंटीजन आधारित है किट
डॉ. अमरिंदर सिंह ने बताया कि कोविड टेस्टिंग का यह देशी तरीका बहुत भरोसेमंद है. आईसीएमआर और डीजीएचएस ने इसे मंजूरी भी दे दी है. इससे रिपोर्ट सिर्फ 15-30 मिनट में ही मिल जाती है. इसे स्टैंडर्ड ट्यूब कोविड-19 एंटीजन एसिड कहा जाता है. इसमें कोरियन बेस्ड एंटीजन का इस्तेमाल किया गया है. इससे टेस्ट करना बेहद आसान है.
ऐसे की जाती है जांच