नई दिल्ली: मौसम के करवट लेते ही सर्दी के मौसम की शुरुआत हो गई है. ऐसे में बेघर लोगों की समस्याएं भी बढ़ गईं हैं, उनके पास पहनने के लिए गरम कपड़े नहीं हैं. सर्दी की रातें काटना उनके लिए भारी पड़ती है. ऐसे लोगों की समस्याओं को समझते हुए देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने एक अनोखी पहल शुरू की है. ऐसे बेसहारा लोगों की मदद करने के लिए इन अस्पतालों के डॉक्टर ओल्ड क्लॉथ बैंक बनाए हैं , जो बॉयज और गर्ल्स हॉस्टल के रिसेप्शन पर हैं. जिनके कपड़े पुराने हो गए हैं या छोटे हो गए हैं, लेकिन अच्छी कंडीशन में है तो वह उन कपड़ों को क्लॉथ बैंक में जमा करा देते हैं.
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने शुरू की ओल्ड क्लॉथ बैंकिंग इस तरह से बड़ी मात्रा में गर्म कपड़े क्लॉथ बैंक में जमा हो जाते हैं. इसके बाद में छुट्टी के रविवार या किसी और छुट्टी के दिन ऐसी जगह डॉक्टर जाते हैं, जहां बेघर और बेसहारा लोग फुटपाथ पर या फ्लाईओवर के नीचे रहते हैं. इन्हें अच्छे से साफ किए हुए और आयरन किए हुए कपड़े पहनने के लिए दिए जाते हैं. इसके अलावा उनको खाने के लिए भी बिस्किट ब्रेड आलू पूरी भी देते हैं.
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉटर्स ने की थी शुरुआत
इस अनोखी पहल के बारे में एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉक्टर अमनदीप सिंह बताते हैं कि एम्स और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के यंग डॉक्टर ने जरूरतमंदों की मदद करने के उद्देश्य से "हेल्पिंग हैंड" नाम से एक पहल की है. इसकी शुरुआत मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने की. इसकी अच्छी नियत को देखते हुए एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने भी मदद का हाथ आगे बढ़ाया.
एम्स के सभी हॉस्टल्स में रिसेप्शन पर रखे डोनेशन बॉक्स
डॉ अमनदीप ने बताया कि इस पहल के तहत रेजिडेंट डॉक्टर से हम अपील करते हैं कि उनके पास जो भी पुराने कपड़े हैं, जिसका वो इस्तेमाल नहीं करते हैं, उन्हें आप हमें डोनेट कीजिए. एम्स के अंदर जितने भी हॉस्टल हैं. चाहे बॉयज हॉस्टल गर्ल्स हॉस्टल उनकी रिसेप्शन पर एक बॉक्स रखा गया है, जिसे हम क्लॉथ बैंक कहते हैं. इसमें रेजिडेंट डॉक्टर अपने पुराने कपड़े डाल देते हैं. इसके अलावा खाने-पीने की चीजें भी डाल देते हैं. उसके बाद इन चीजों को इकट्ठा कर हर रविवार के दिन सुबह 7 बजे दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर जाकर जरूरतमंद, बेघर और बेसहारा लोगों को कपड़े बांट देते हैं. आज हम लोगों ने राजघाट , दिल्ली गेट और दिल्ली हाट के आसपास पहुंच कर लोगों को कपड़े और खाने की चीजें बांटी.
जरूरतमंदों के चेहरे पर मुस्कान
डॉ अमनदीप ने बताया कि काफी दिनों से जो एक ही कपड़े पहन कर रहते हैं. कई बार तो एक ही कपड़े पहनकर पूरा सीजन निकाल देते हैं. उन्हें जब हम कपड़ा देते हैं तो उनके चेहरे पर जो मुस्कान आती है, उससे काफी संतुष्टि मिलती है. पुराने कपड़े भी उनके लिए नए जैसी खुशी देता है. डॉ अमनदीप बताते हैं कि जब भगवान ने हमें सक्षम बनाया है, तो हमें ऐसे लोगों की जरूरत करनी चाहिए, जो बेघर या बेसहारा हैं. आपके हाथ अगर उठे तो किसी की मदद करने के लिए उठनी चाहिए. इसी सेवा भाव को आगे बढ़ाते हुए हेल्पिंग हैंड के माध्यम से जरूरतमंद लोगों तक कुछ मदद पहुंचा पा रहे हैं. हम चाहते हैं कि इस मुहिम के साथ देश में जितने भी मेडिकल कॉलेज हैं, उसके रेजीडेंट डॉक्टर जरुर जुड़े ताकि जहां कहीं भी जो जरूरतमंद लोग हैं, उनकी कुछ हद तक मदद पहुंचाई जा सके.