नई दिल्ली:नर्सिंग स्टाफ पद पर नियुक्ति के लिए एम्स में विज्ञप्ति निकाली गई है. इसमें सभी पद 20 और 80 के अनुपात में बांटे गए हैं. यानी 100 पदों के लिए 20 पुरूष उम्मीदवार और 80 पदों पर महिला उम्मीदवारों को नियुक्ति दी जायेगी. एम्स का नर्सिंग यूनियन इसे अलोकतांत्रिक और लिंग के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगया है.
डॉ. हर्षवर्धन के आवास एम्स का नर्सिंग स्टाफ यूनियन पहुंचा इस पॉलिसी का काफी समय से विरोध किया जा रहा है. इसी के अगले लेवल में यूनियन ने तीन दिनों के लिए हल्ला बोल अभियान शुरू किया है. इसी अभियान के तहत शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से मिलने उनके आवास एक प्रतिनिधिमंडल पहुंचा.
3 दिनों तक जारी अभियान
इस अभियान की शुरुआत एम्स के नर्सिंग स्टाफ यूनियन के अध्यक्ष हरीश काजला ने शुरू की है. यह हल्ला बोल अभियान अगले 3 दिनों तक चलता रहेगा. इसी अभियान के तहत हरीश काजला अपने कुछ साथियों के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के आवास पर उनसे मुलाकात करने के लिए पहुंचे. हालांकि उनकी मुलाकात डॉ. हर्षवर्धन से नहीं हो पाई, लेकिन उन्होंने अपनी मांग से संबंधित एक ज्ञापन उनके आवास पर जमा करवा दिया
50-50 अनुपात में करने की अपील
काजला ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को इस मामले में दखल देकर हमारी मांगे पूरी करने के लिए अगले 3 दिनों तक हल्ला बोल अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के तहत नर्सिंग यूनियन का एक प्रतिनिधिमंडल प्रतिदिन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के आवास पर पहुंचेगा और उनसे मुलाकात करने की कोशिश करेगा. अगर वह नहीं मिलेंगे तो उनके आवास पर प्रतिवेदन जमा किया जाएगा. 20 और 80 अनुपात में नर्सिंग स्टाफ की भर्ती करने का जो नियम है, इसे खत्म करते हुए 50-50 अनुपात में कर दिया जाए और यह जब तक नहीं होगा, तब तक उनके ऊपर दबाव बनाया जाएगा.
युवकों से मुहिम से जुड़ने की अपील
काजला ने देश की सभी नर्सिंग यूनियन और स्टूडेंट यूनियन से इस मुहिम में साथ देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अगर देशभर के सारे संगठन एक साथ एकजुट हो जाएं, तो डॉ. हर्षवर्धन जरूर हमसे मुलाकात करेंगे और हमारी समस्या को ध्यान से सुनकर उसका उचित निपटान जरूर करेंगे. आज देशभर में 550 सांसद हैं, 250 राज्यसभा सांसद है. हम देश की सभी बेरोजगार युवकों से अपील करना चाहते हैं कि जो नर्सिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं वे अपने अपने इलाके के सांसदों से जाकर मिले और उन्हें अपना प्रतिवेदन सौंपे. उनके घर पर जाकर हल्ला बोले. सांसदों से निवेदन करें कि वो स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को फोन कर, ई-मेल कर उनकी समस्या उन्हें बताएं.