नई दिल्ली: विश्व किडनी दिवस एक वैश्विक अभियान है, जिसका मुख्य उद्देश्य हमारे गुर्दे के महत्व के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना है. विश्व किडनी दिवस के उपलक्ष्य में दिल्ली एम्स अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग की तरफ से एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया. बता दें कि विश्व किडनी दिवस की शुरुआत 2006 में इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ किडनी फाउंडेशन द्वारा की गई थी. विश्व गुर्दा दिवस की इस बार थीम ''किडनी हेल्थ फॉर एव्रीवन एव्रीवेयर'' लिविंग वेल विद किडनी डिसीज है.
दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने किया वॉकथॉन का आयोजन: विश्व कितनी दिवस को लेकर नेफ्रोलॉजी विभाग ने वॉकथान के दौरान लोगों को ज्यादा से ज्यादा इस बीमारी के बारे में अवेयरनेस किया गया और उन्हें बताया गया कि किस प्रकार से उन्हें अपना खानपान पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. वहीं इस कार्यक्रम में मीडिया से बात करते हुए नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट विभाग के एचओडी डॉ एसके अग्रवाल ने बताया कि किडनी और लीवर के रोग से बचने के लिए संतुलित खानपान और नियमित दिनचर्या जरूरी है. इसके लिए लोगों को योगाभ्यास के साथ ही फलाहार एवं शाकाहारी भोजन का प्रयोग करना चाहिए. इसके अलावा अलावे नशे से दूर रहना चाहिए. उन्होंने कहा किडनी मनुष्य के शरीर का महत्वपूर्ण अंग होता हैं. यह शरीर से गंदगी को बाहर निकालने का काम करती हैं, ऐसे में जब किडनी में किसी प्रकार की समस्या होती है, तो वह शरीर से विषैले पदार्थ को बाहर निकाल नहीं पाती है, जिससे कई प्रकार के रोग पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है.
वहीं नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर डी भौमिक का कहना था कि इसान संतुलित दिनचर्या अपनाए तो गुर्दे (किडनी) की बीमारियों से बचा जा सकता है. उन्होंने बताया हर व्यक्ति के शरीर में दो गुर्दे होते है, जो रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ पेट के पिछले भाग में होते है. मूल रूप से यह हमारे शरीर में उत्पन्न हुए जहरीले प्रदार्थ को बाहर निकालकर खून की सफाई का काम करते है. आज जबकि देशभर में ब्लड प्रेशर और शूगर की बीमारी बढ़ रही है तो उससे गुर्दो के लिए भी परेशानी बढ़ गई है.