नई दिल्लीःएम्स के डॉक्टर विजय (aiims doctor vijay) पिछले एक वर्ष से दिल्ली पुलिस (delhi police) के जवान अमित राणा (constable amit rana) के शहीद होने के बाद भी उनके परिवार को न्याय दिलाने की मुहिम जारी रखे हुए हैं. वह लगातार दिल्ली सरकार (delhi government) को उनके शहीद होने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (chief minister arvind kejriwal) के एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दिलाने का प्रयास कर रहे हैं.
डॉ. विजय बताते हैं कि मास्क लगाने, शारीरिक दूरी बनाने, भीड़ कम करने, लाइन लगवाने इन सब कामों के लिए दिल्ली पुलिस के जवान ही आगे आकर खड़े रहे. इस महामारी के दौरान खाना बांटने, ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाई से लेकर, श्मशान घाट, कब्रिस्तान तक हर जगह जवान आगे खड़े रहे. जब उनके परिवार को सहारा देने की बात आई, तो सरकार बहाने बनाने लगी. कागज ढूंढने लगी. रूल समझाने लगी. उन्होंने फर्ज निभाते हुए कागज नहीं मांगे. रूल नहीं मांगे. सेवा में बस जुट गए थे, तो अब सबका फर्ज बनता है कि उन्हें न्याय दिलाएं. उनका सहारा बने और सरकार को याद दिलाएं कि सिस्टम फ्रंटलाइन वारियर्स के परिवार के साथ धोखा नहीं कर सकती है. उन्हें उनका हक देना ही होगा.
कोविड की लड़ाई अस्पतालों से ज्यादा सड़कों पर लड़ी जा रही है
डॉ. विजय ने कहा कि वह फिर दोहराते हैं कि कोविड के खिलाफ लड़ाई अस्पतालों से ज्यादा सड़कों पर ही लड़ी जा रही है. जब तक हम सब अनुशासन में नहीं रहना सीखेंगे, हम इन फ्रंट लाइन वारियर्स की मुसीबत बढ़ाते रहेंगे. सरकार उनके बलिदान को भी नहीं मान रही है. स्वास्थ्यकर्मियों और उनके परिवारों पर इन फ्रंटलाइन वारियर्स का बहुत बड़ा एहसान है, इसीलिए सबको फर्ज निभाते हुए, इन सभी परिवारों का साथ देना है और इन्हें जल्दी न्याय दिलाना है.
न्याय दिलाने के लिये कृत संकल्पित
डॉ. विजय दिवंगत कांस्टेबल के परिवार को न्याय दिलाने के लिए कृतसंकल्पित होकर कह रहे हैं " मैं एक डॉक्टर हूं. इनके बलिदान और योगदान को भली-भांति समझता हूं. मैं दिल्ली पुलिस के इन फ्रंट लाइन में वारियर्स के साथ खड़ा हूं. आप सब भी सहयोग करेंगे ना."
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