नई दिल्लीःदक्षिणी दिल्ली के रजोकरी गांव में फॉरेस्ट विभाग का खतरा हमेशा बना रहता है. दशकों पहले यह जमीन ग्रामसभा की थी, उसके बाद इसे फॉरेस्ट लैंड घोषित कर दिया गया. लेकिन यहां पर रहने वाले लोग आज भी अपनी ही जमीन पर रहते हैं. इस गांव में फॉरेस्ट विभाग को लेकर विवाद काफी दिनों से चल रहा है. लिहाजा रजोकरी इलाके के लोगों के निवेदन पर नई दिल्ली के डीएम फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी के साथ रजोकरी गांव पहुंचे और लोगों से उनकी समस्याओं के बारे में जाना. (Administrative officers visited Rajokri hill village)
रजोकरी पहाड़ी का एक पुराना इतिहास रहा है. रजोकरी के पहाड़ी में वर्षों पहले खनन का काम चलता था. हजारों मजदूर इस खनन के काम में रोजगार के लिए यहां पर रहते थे. सन 1968 में मौजूदा सरकार ने उन्हें यहां की जमीन ग्राम सभा के लिए अलॉट कर दिया, लेकिन कुछ सालों बाद दिल्ली में खनन के कार्य को बंद कर दिया गया और जो ग्राम सभा द्वारा जमीन उन मजदूर परिवारों को दी गई थी, उसे फॉरेस्ट विभाग को सौंप दिया गया. रजोकरी पहाड़ी के जमीन का विवाद यहीं से शुरू होता है. एक तरफ यहां रहने वाले मजदूरों का रोजगार खत्म हो गया. वहीं दूसरी तरफ इनके सिर से छत भी खोने का डर सताने लगा. तभी से रजोकरी पहाड़ी पर रहने वाले लोग और वन विभाग को लेकर विवाद चलता आ रहा है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह पहली बार हुआ है, जब रजोकरी पहाड़ी के लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए डीएम स्तर के अधिकारी उनके क्षेत्र में आए हैं. नई दिल्ली के डीएम ने यहां पर लोगों की समस्याओं को सुना और यह आश्वासन दिया कि कानूनी तरीके से प्रशासन पूरी कोशिश करेगा, ताकि पहाड़ी पर रहने वाले लोगों को ज्यादा से ज्यादा मदद दी जा सके.