नई दिल्ली: दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) द्वारा दिल्ली के सभी सात कोर्ट कॉम्प्लेक्स में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इस दौरान तिलक नगर थाने में दर्ज एक 28 साल पुराने मामले का निपटारा किया गया. यह केस वर्ष 1995 में गोपाल वर्सेज राज्य सरकार के बीच दर्ज हुआ था. दोनों पक्षों की सहमति से इस केस का निपटारा लोक अदालत की बेंच ने किया.
वहीं, द्वारका कोर्ट में लगी लोक अदालत में मोटर एक्सीडेंट क्लेम (एमएसीटी) के एक मामले आशा रानी वर्सेज दिनेश का भी निपटारा हुआ, जिसमें बीमा कंपनी द्वारा पीड़ित को एक करोड़ 24 लाख रूपये का मुआवजा देने का फैसला सुनाते हुए मामले का निपटारा किया गया. इसके अलावा क्रिमिनल कंपाउंडेबल, चेक बाउंस, बैंक रिकवरी, बिजली बिल डिस्पुट, मोटर एक्सीडेंट क्लेम, मैरिज डिसपुट, भूमि अधिग्रहण, श्रमिक मामलों सहित कुल एक लाख 66 हजार 631 मामलों का निपटारा किया गया. साथ ही 156.92 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ. निपटाए गए मामलों में एक लाख 36 हजार से अधिक यातायात चालानों का निपटारा भी शामिल है.
लोक अदालत के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश एवं डीएसएलएसए के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने साकेत कोर्ट का दौरा कर लोक अदालत की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने मामलों का निपटारा कर रहे न्यायिक अधिकारियों और एसोसिएट सदस्यों से बातचीत भी की. इस दौरान उनके साथ दक्षिणी जिला की प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शैलेंदर कौर, दक्षिण पूर्वी जिले की प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रेनू भटनागर और डीएसएलएसए के सदस्य सचिव मुकेश कुमार गुप्ता भी मौजूद रहे.