नई दिल्लीःराजधानी दिल्ली में केंद्र सरकार के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल में मंगलवार को बच्चों के लिए होमो डायलिसिस की सुविधा शुरू की गई. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीएल शेरवाल ने बाल रोग विभाग में इस नई सुविधा का उद्घाटन किया. इस पहल के साथ, सफदरजंग अस्पताल उत्तर भारत में बच्चों के लिए हेमो डायलिसिस सुविधा प्रदान करने वाला केंद्र सरकार का दूसरा अस्पताल बन गया है. एम्स में यह सुविधा पहले से उपलब्ध है. पहले कुछ मामलों में तो बच्चों की डायलिसिस सफदरजंग में होती रहती थी, लेकिन कई बार बच्चों को एम्स या कलावती सरन अस्पताल में रेफर किया जाता था. अब सफदरजंग में यह सुविधा शुरू होने पर दिल्ली में बच्चों का डायलिसिस करने वाले तीन सरकारी अस्पताल हो जाएंगे.
किडनी, ब्लड कैंसर, एप्लास्टिक एनीमिया और हीमोफीलिया से पीड़ित बच्चों को डायलिसिस के लिए अब दूसरे अस्पतालों में रेफर नहीं करना पड़ेगा. अस्पताल के पुराने नेफ्रोलोजी विभाग में डायलिसिस इकाई की जगह ही नई इकाई शुरू की गई है. वहीं, पुरानी डायलिसिस इकाई को नए सुपर कनेक्शन स्पेशियलिटी ब्लॉक में चलाया जा रहा है. दरअसल, दिल्ली में आसपास के राज्यों से बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे रेफर किए जाते हैं, जिनकी किडनी फेल होती है या वे रक्त संबंधित किसी बीमारी से पीड़ित होते हैं, जिन्हें खून चढ़ाने के लिए डायलिसिस की आवश्यकता होती है. सफदरजंग अस्पताल में चाइल्ड होमो डायलिसिस की सुविधा होने से इन बाल मरीजों को लाभ होगा.
किडनी फेल वाले बच्चों को मिलेगा नया जीवन
अस्पताल के एमएस डॉ. बीएल शेरवाल ने बताया कि बच्चों में गुर्दे की विफलता असामान्य नहीं है. एक्यूट किडनी फेल्योर के कारण बड़ी संख्या में मौतें होती हैं, जिनमें से कई उपचार योग्य हैं. क्रोनिक किडनी फेल्योर में भी आउट पेशेंट उपस्थिति का लगभग 10 प्रतिशत शामिल होता है, जो बड़ी संख्या में होता है और उनमें से अधिकांश को प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा अवधि में एचडी की आवश्यकता होती है. मौजूदा समय में मांग और उपलब्ध सेवाओं के बीच बड़ा अंतर है. दिल्ली के साथ-साथ आसपास के राज्यों के दूरदराज के इलाकों से आने वाले किडनी फेल्योर वाले बच्चों के लिए यह एक अच्छी सुविधा होगी. इससे उन्हें नया जीवन मिलेगा.