नई दिल्ली:भारत के आठ करोड़ परिवार डेयरी उद्योग से जुड़े हुए हैं और दुनिया के शेष देशों में कुल मिलाकर लगभग सात-आठ करोड़ लोग इस सेक्टर से जुड़े हैं. पूरी दुनिया के मुकाबले भारत में दुग्ध उत्पादन सर्वाधिक होता है. इसमें ज्यादातर किसान जुड़े हुए हैं. भारत में उत्पादन होने वाले 21 करोड़ टन दूध की कीमत लगभग सात-आठ लाख करोड़ रुपए है और अगर धान गेहूं और गन्ना इन तीनों फसलों की कुल कीमत की बात करें तो इनके जो दाम होंगे उनसे भी अधिक केवल दुग्ध के दाम हैं. रोजगार के लिहाज से पूरी दुनिया में इससे बड़ा कोई दूसरा सेक्टर नहीं है. उक्त बातें पशु पालन, डेयरी और मत्स्य पालन राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान ने 12 से 15 सितंबर को ग्रेटर नोएडा में आयोजित होने वाले विश्व डेयरी सम्मेलन के कर्टेन रेजर कार्यक्रम में कही. यह सम्मेलन 48 वर्षों के बाद भारत में होने जा रहा है. डॉक्टर बालियान ने बताया कि सबसे अच्छी बात यह है कि हमारे देश में दुग्ध उत्पादन का 70 फ़ीसदी हिस्सा कोऑपरेटिव आधारित है जो दुनिया में कहीं नहीं है.
इस सम्मेलन में 30-40 देशों के 1500 से अधिक प्रतिनिधि लेंगे भाग
इस सम्मेलन 30 से 40 देशों के 1500 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. इसमें पशु पालन करने वाले किसानों, डेयरी क्षेत्र के उद्यमी, निजी क्षेत्र के डेयरी, शिक्षाविद्, सरकारी अधिकारी आदि भाग लेंगे. बालियान ने बताया कि इस आयोजन से किसानों को दुनिया में डेयरी क्षेत्र में हुयी प्रगति की नवीनतम जानकारी प्राप्त हो सकेगी तथा दुनिया को इस क्षेत्र में भारत में हुये विकास को देखने का अवसर मिल सकेगा.
सम्मेलन का विषय है 'डेयरी से पोषण और आजीविका'