दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

देवताओं की प्यारी तुलसी, फिर भी गणेश पूजा से क्यों रहती हैं दूर, जानिए ये रोचक वजह

गणेश जी गंगा तट पर तपस्या कर रहे थे. दूसरी ओर तुलसी देवी विवाह की इच्छा लिए तीर्थ यात्रा पर निकलीं. इसी दौरान गंगा तट पर गणेश जी को तपस्या करते हुए दिखीं. पूरे शरीर पर चंदन का लेप लगाए. कमर पर रेशमी पीतांबर पहने रत्नजड़ित सिंहासन पर विराजमान थे. उन्हें देखते ही तुलसी का मन गणेश जी की ओर आकर्षित हो गया और उनके मन में विवाह की इच्छा जागृत हुई.

देवताओं की प्यारी तुलसी,फिर भी गणेश पूजा से क्यों रहती हैं दूर

By

Published : Sep 10, 2019, 10:41 PM IST

Updated : Sep 10, 2019, 11:18 PM IST

नई दिल्ली/मथुरा: तुलसी, जो हिन्दू धर्म में धार्मिक मान्यताओं के साथ भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं, लेकिन यही तुलसी भगवान गणेश को अप्रिय हैं. इतनी अप्रिय कि गणेश जी के पूजन में इसका प्रयोग वर्जित है. इसके पीछे एक रोचक पौराणिक कथा है.

गणपति पूजा में तुलसी का प्रयोग वर्जित है, इसके पीछे काफी रोचक कहानी है

गणेश जी गंगा तट पर तपस्या कर रहे थे. दूसरी ओर तुलसी देवी विवाह की इच्छा लिए तीर्थ यात्रा पर निकलीं. इसी दौरान गंगा तट पर गणेश जी को तपस्या करते हुए दिखीं. पूरे शरीर पर चंदन का लेप लगाए. कमर पर रेशमी पीतांबर पहने रत्नजड़ित सिंहासन पर विराजमान थे. उन्हें देखते ही तुलसी का मन गणेश जी की ओर आकर्षित हो गया और उनके मन में विवाह की इच्छा जागृत हुई.

इसी दौरान गणेश जी की तपस्या भंग हो गई. तपस्या कर रहे गणेश भगवान की आंखें खुलीं तो देखा कि सामने एक सुंदर स्त्री खड़ी है. गणेश ने सबसे पहले उनको प्रणाम किया और कहा आप यहां क्यों आईं. तुलसी ने कहा कि मैं आपको अपना वर चुनना चाहती हूं. इस पर गणेश जी क्रोधित हुए और तुलसी को श्राप देते हुए कहा कि तुम्हारा विवाह एक असुर के साथ होगा. तुलसी ने भी भगवान गणेश को श्राप दे दिया और कहा तुम्हारे दो विवाह होंगे.

जब गणेश जी का क्रोध कम हुआ तो तुलसी ने क्षमा मांगी. इस पर गणेश ने तुलसी से कहा आप देवी-देवताओं में सबसे प्रिय मानी जाएंगी. आपके बिना स्पर्श के कोई भी चीज स्वीकार नहीं की जाएगी. कलियुग में काफी सम्मान किया जाएगा. यही वजह है कि गणेश जी की पूजा के समय तुलसी की पूजा नहीं होती, लेकिन तुलसी जी देवी-देवताओं की प्रिय मानी जाती हैं. तुलसी का आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्व है.

बगैर, तुलसी के भगवान का भोग भी स्वीकार नहीं किया जाता. तुलसी और शालिग्राम का विवाह काफी धूमधाम से मनाया जाता है. हमारे आदिदेव प्रथम पूज्य श्री गणेश की सबसे प्रिय तुलसी मानी जाती हैं, लेकिन गणेश जी महाराज की पूजा के समय तुलसी नहीं रखी जाती.

Last Updated : Sep 10, 2019, 11:18 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details