नई दिल्ली: दिल्ली की गाजीपुर मुर्गा मंडी को एशिया की सबसे बड़ी मुर्गा मंडी माना जाता है. स्थानीय व्यापारियों की मानें तो हर साल करोड़ों की मार्केट फीस देने वाली यह मंडी के पास पिछले तीस साल से पीने के पानी की सुविधा तक नहीं है.
गाजीपुर मुर्गा मंडी में नहीं है पानी की सुविधा
45 लाख महीना जाती है मार्केट फीस
गाजीपुर मुर्गा मंडी के आढ़ती बताते हैं कि साल 1993 में जामा मस्जिद से हटाकर इस मंडी को यहां बसाया गया था. तब सरकार ने आढ़तियों से बड़े-बड़े वादे किए थे. यहां मार्केट मेंगोन वाले व्यापार का एक प्रतिशत मार्केट फीस के तौर पर लिया जाता है. जो आज कल हर महीने तकरीबन 40 से 45 लाख रुपए तक हो जाती है. लेकिन इसके बाद भी आज तक यहां पीने के पानी की सुविधा नहीं है.
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खरीद कर लाते हैं पानी
मार्केट के आढ़ती हाजी इरशाद बताते हैं कि यहां 87 आढत हैं. हर आढत पर तीन से चार लोग होते हैं. वहीं यहां प्रतिदिन करीब 100 गाड़ी आती हैं. प्रत्येक गाड़ी में करीब दो हजार मुर्गों के साथ कम से कम दो आदमी भी आते हैं. इसके साथ ही बड़ी संख्या में खरीददार भी आते हैं. लेकिन यहां अभी भी नहीं पीने का पानी खरीद के ही लाना पड़ता है. इस पर मंडी समिति का कहना है कि यहां बोरवेल करवाने के लिए फीस जमा की का चुकी है. जल्द ही यहां बोरवेल करा दिया जाएगा, जिसके बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी.