नई दिल्ली: कोरोना का कहर दुकानदारों और बाजार पर कितना गहरा पड़ा है, इसका अंदाजा शाहदरा के मंडोली रोड मार्केट को देखकर लगाया जा सकता है. जहां एक महीने का किराया माफ़ करने के बाद भी किराए पर दुकान चलाने वाले लोग अब अपनी दुकाने बंद करने लगे हैं.
किराया माफ़ होने के बाद भी दुकाने बंद कर रहे हैं मंडोली रोड मार्केट के दुकानदार महिला प्रधान वाली यमुना पार की इकलौती मार्केट
शाहदरा की मंडोली रोड मार्केट वैसे तो पूर्वी दिल्ली के तमाम अन्य मार्केटों जैसी ही है. जहां जरुरत की हर छोटी बड़ी चीज मिल जाती है. लेकिन इसकी एक खास बात ये है कि ये यमुनापार की इकलौती ऐसी मार्केट है जहां की प्रधान एक महिला है. यहां करीब 500–600 दुकाने हैं. जिसमें से एक तिहाई किराए पर हैं. कोरोना से पहले दिन भर ये मार्केट दुकानदारों और ग्राहकों से गुलजार रहती थी, लेकिन कोरोना के बाद स्थिति पूरी तरह बदल गई है. किराए पर दुकान चलाने वाले बड़ी संख्या में दुकान बंद कर जा रहे हैं.
30 प्रतिशत भी नहीं बचा काम
मार्केट की प्रधान बिन्नी वर्मा बताती हैं कि मार्केट में अब पहले के मुकाबले 30 प्रतिशत भी काम नहीं बचा है. ग्राहक अब बहुत जरूरी होने पर ही सामान खरीदने निकल रहे हैं. इसको देखते हुए दुकानदारों ने खर्च कम करने के लिए दुकानों में काम करने वाले लड़कों की संख्या आधी कर दी, लेकिन इसके बाद भी गुजारा चलाना मुश्किल हो रहा है. जिनके पास अपनी दुकान हैं वो तो फिर भी किसी तरह काम चला रहे हैं, लेकिन जिनकी दुकाने किराए पर हैं उनका बहुत बुरा हाल है. मार्केट एसोसिएशन और दुकानदार एक दुसरे को हौसला भी दे रहे हैं. इसके बाद भी पिछले एक महीने में करीब 15 दुकानें खाली हो चुकी हैं.