नई दिल्ली:उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान बहुत से लोगों की दुकानें नष्ट हो गई थी. कई घरों को तोड़ा गया था. जिससे शिव विहार के पीड़ित लोगों के सामने आज भी रोजी रोटी का संकट बना हुआ है. पीड़ित लोगों को आजतक सरकार की तरफ से किसी भी तरह की सहायता नहीं मिली है. ईटीवी भारत ने ऐसे ही कुछ लोगों से बात कर जानी उनकी क्या समस्या है और सरकार ने उनकी क्या मांगे है.
दिल्ली हिंसा में अपनी दुकानों को गंवाने वाले दुकानदारों को नहीं मिला मुआवजा उपद्रवियों ने तोड़ी दुकान
उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा ग्रस्त शिव विहार इलाके में हिंसा के कारण कई दुकानदारों के नसीब में एक वक्त का खाना भी नहीं है. दरअसल, हिंसा में उपद्रवियों ने इनकी दुकानें नष्ट कर दी थी. इसी बीच फुटपाथ पर मिट्टी के बर्तनों की दुकान चलाने वाले विपिन ने बताया कि शिव विहार में हुई हिंसा में उपद्रवियों ने उनकी दुकान तोड़ दी थी. जिसके बाद उन्हे सरकार से मुआवजा मिलना था, लेकिन लॉकडाउन के चलते वो भी नहीं मिला.
मिली दुकान खोलने की इजाजत
विपिन को लॉकडाउन में दुकान खोलने की इजाजत तो मिल गई है. और उन्होने दोबारा कहीं से उधार मांगकर ये दुकान शुरू की. लेकिन लॉकडाउन के चलते ग्राहक दुकान में नहीं पहुंच रहे हैं. वहीं उनका परिवार लोगों से खाना मांगकर खा पा रहा है. उन्होने सरकार से अपील की है कि हमारे जैसे लोगों के बारे में विचार करें ताकि हम रोजी रोटी के लिए मोहताज ना हो.
ऑटो चालकों तक नहीं पहुंची मदद
वहीं दूसरी ओर हिंसा ग्रस्त इलाके से बिहार के ऑटो चालकों के परिवार पर भी रोजी रोटी का खतरा मंडरा रहा है. हिंसा के बाद से ही ऑटो बंद है. दिल्ली सरकार ने ऑटो चालकों की मदद तो की, लेकिन यह मदद सभी ऑटो चालकों के पास नहीं पहुंच पा रही है. इन लोगों ने भी सरकार से अपील की हैं कि सरकार ऑटो चालकों के बारे में भी कुछ विचार करें, ताकि वह भी अपने परिवार का पालन पोषण कर सके.