नई दिल्ली:मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि उन्होंने दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए नौ हजार से भी ज्यादा बेड्स का इंतजाम कर लिया है, जिसमें से अभी केवल 2600 मरीज भर्ती हैं. उनकी तैयारी इतनी है कि मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी, लेकिन हालत ये है कि 75 साल की बुजुर्ग महिला और पहले से अस्थमा की मरीज को भी एडमिशन के लिए अस्पताल दर अस्पताल चक्कर काटना पड़ रहा है.
गंगाराम अस्पताल के बाद कोरोना संक्रमित को आरएमएल अस्पताल ने नकारा
दामाद से हुआ कोरोना
75 वर्षीय महिला लोरेन्स रोड की निवासी हैं. कुछ महीने पहले वह अपनी बेटी के पास पटेल नगर गई थीं. वहां करीब एक सप्ताह पहले उनके दामाद कोरोना संक्रमित हो गए. जिससे उनको भी संक्रमण हो गया. सोमवार से उनकी तबीयत खराब होनी शुरू हुई तो मंगलवार को उन्हें गंगाराम अस्पताल ले जाया गया. जहां उनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया, लेकिन अस्पताल में उन्हें एडमिशन नहीं मिला.
आरएमएल ने भी किया इंकार
महिला के रिश्तेदारों की माने तो गंगाराम अस्पताल से नकारे जाने के बाद उनकी परेशानी बहुत ज्यादा बढ़ गई. क्योंकि महिला के लिए तो बिना सहारे बैठना भी मुश्किल हो गया था. ऐसे में उन्हें आरएमएल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उस अस्पताल ने बेड खाली नहीं होने की बात कहकर उन्हें वापस भेज दिया गया. जिसके बाद अब वो उन्हें लेकर एलएनजेपी अस्पताल गए हैं. उनके परिजनों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर उन्हें कितने अस्पताल चक्कर काटने पड़ेंगे.