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श्रम कानून में बदलाव से श्रमिकों में रोष, उप श्रमायुक्त ऑफिस पर किया प्रदर्शन

लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था की हालत को सुधारने के लिए श्रम कानूनों में कुछ बदलाव किए गए. इस बदलाव से श्रमिक नाखुश नजर आए. शुक्रवार को कानून को बदलने की मांग को लेकर दिल्ली के झिलमिल इलाके में स्थित उप श्रमायुक्त कार्यालय पर श्रमिकों ने प्रदर्शन किया.

strike against labor law changes at deputy labor commissioner office
श्रमिकों ने उप श्रमायुक्त ऑफिस पर किया प्रदर्शन

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Published : Jul 3, 2020, 6:55 PM IST

नई दिल्ली:कोरोना की वजह से देशभर में तीन महीने तक लागू लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था चरमरा सी गई है. जिसे पटरी पर लाने के लिए पिछले दिनों में श्रम कानूनों में कुछ बदलाव किए गए हैं. इस बदलाव से श्रमिक वर्ग बहुत नाराज हैं. इसे बदलने की मांग को लेकर शुक्रवार को दिल्ली के झिलमिल इलाके में स्थित उप श्रमायुक्त कार्यालय पर श्रमिकों ने प्रदर्शन किया.

श्रमिकों ने उप श्रमायुक्त ऑफिस पर किया प्रदर्शन
कई संगठनों ने किया प्रदर्शन
लॉकडाउन के दौरान श्रम कानूनों में हुए बदलावों का दिल्ली के श्रमिकों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. श्रमिकों को पुराने पैसे भी नहीं मिल रहे हैं और न ही लॉकडाउन खुलने के बाद काम मिल रहा है. श्रमिकों का कहना है कि जिन फैक्ट्रियों में वे पिछले 30 साल से काम करते आए हैं. अब उन्होंने भी दूध में पड़ी मक्खी की तरह उन्हें निकाल फेंका है. वहीं जो काम दे भी रहे हैं, वे 8 घंटे की जगह 12 घंटे की ड्यूटी करवा रहे हैं. जिससे उनके सामने रोजी रोटी की गंभीर समस्या खड़ी हो गई है.
नहीं मिले दिल्ली सरकार से पैसे
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (CITU) के यमुना पार के महासचिव पुष्पेंद्र सिंह बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान दिल्ली सरकार ने घोषणा की थी कि श्रमिकों को तीन महीने तक पांच-पांच हजार रुपये दिए जाएंगे. दिल्ली में करीब पांच लाख संगठित क्षेत्र के मजदूर हैं और दिल्ली में 11 श्रम उपयुक्त हैं. इन 11 दफ्तरों में रोजाना सिर्फ 50 लोगों को ही पंजीकरण की तारीख दी जाती है और उनमें से भी अधिकांश के आवेदन में गलतियां निकाल कर उन्हें दौड़ाया जाता है. इस रफ्तार से तो अगले एक साल में भी दिल्ली सरकार श्रमिकों को लाभ नहीं दे पाएगी.

बेपरवाह दिखें उप श्रमायुक्त

श्रमिकों ने अपनी परेशानियों के मद्देनजर उप श्रमायुक्त को एक ज्ञापन भी सौंपा और उन्हें को न्याय दिलाने की मांग की. लेकिन उप श्रमायुक्त श्रमिकों की इन परेशानियों से बेपरवाह दिखें. इस बाबत जब उनसे बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.

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