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नशे की ओवरडोज से जाफराबाद में युवक की मौत, सदमे में परिवार

जानकारी के मुताबिक राशिद अपने परिवार के साथ कल्याण सिनेमा वाली गली में रहता था, परिजनों के मुताबिक राशिद को पिछले कई सालों से नशे की लत थी, नशे की इस आदत की वजह से परिवार के लोग भी उससे परेशान हो गए थे.

नशे की ओवरडोज से जाफराबाद में युवक की मौत

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Published : Sep 14, 2019, 11:08 PM IST

नई दिल्ली:जाफराबाद इलाके में एक युवक की ड्रग्स के ओवरडोज की वजह से मौत हो गई. युवक की तबीयत बिगड़ने पर पहले उसे जगप्रवेश अस्पताल लाया गया. फिर वहां से जीटीबी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया लेकिन देर रात युवक ने अस्पताल में दम तोड़ दिया.

जानकारी के मुताबिक राशिद अपने परिवार के साथ कल्याण सिनेमा वाली गली में रहता था, परिजनों के मुताबिक राशिद को पिछले कई सालों से नशे की लत थी, नशे की इस आदत की वजह से परिवार के लोग भी उससे परेशान हो गए थे.

नशे की ओवरडोज से युवक की मौत

कहने को राशिद सिलाई का अच्छा कारीगर था, लेकिन नशे की लत के चलते वो कुछ काम नहीं कर पाता था. दो साल पहले परिजनों ने यह सोचकर उसकी शादी करा दी कि शायद वो शादी के बाद सुधर जाएगा, लेकिन परिजनों का अनुमान गलत निकला. बहुत कोशिश के बाद भी राशिद के नशे की लत नहीं छूटी.

परिजनों ने कई जगह कराया इलाज
परिजनों ने राशिद का कई जगह इलाज कराया. यहां तक कि किसी डॉक्टर के परामर्श पर उसे डीएडिक्शन सेंटर भी भेजा गया था, लेकिन राशिद की हालत में कोई सुधार नहीं आया और वो मौका लगते ही नशा करने लग जाता. राशिद का एक छोटा बच्चा भी है.

बताया जाता है कि मुहर्रम के दिन घर के अभी लोग मुहर्रम देखने के लिए अपने पैतृक गांव गए हुए थे, घर पर अकेला राशिद और उनकी बीमार बूढ़ी मां ही मौजूद थे. मां की नजर से बचते हुए राशिद घर से निकल गया. शाम के समय पड़ोस में रहने वाले युवक ने घर जाकर राशिद की मां को बताया कि राशिद घर के पास ही बेहोशी की हालत में पड़ा हुआ है और उसके मुंह से झाग आ रहे हैं.

गली के लोगों ने उसे जग प्रवेश चंद्र अस्पताल में भर्ती करा दिया, जहां हालात बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उसे जीटीबी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. बताया जाता है कि कई दिनों तक चले उपचार के बाद देर रात राशिद की जीटीबी अस्पताल में मौत हो गई. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

नशे की लत से डिप्रेशन में रहने लगा था राशिद
परिजनों की लाख कोशिश के बावजूद भी राशिद की नशे की लत नहीं छूट पा रही थी, इतना ही नहीं डॉक्टरों के अलावा डी एडिक्शन सेंटर में भी उसका इलाज चला, लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं हुआ.लगातार कोशिश के बाद भी जब कोई सुधार नहीं हुआ तो राशिद डिप्रेशन में रहने लगा और वह अपने डिप्रेशन को दूर करने के लिए गोलियां लेने लगा, कई बार तो वह इसी डिप्रेशन के चलते कई कई गोलियां खा लेता था.

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